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डीएफओ के पक्ष में उतरा वन कर्मचारी संघ…बेबुनियाद आरोपों पर भड़का संघ, पीसीसीएफ को सौंपेगा ज्ञापन

बिलासपुर वन मंडल डीएफओ निशांत कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोपों का वन कर्मचारी संघ ने विरोध किया है । छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ खुलकर डीएफओ निशांत कुमार के पक्ष में आ गए हैं। संघ ने डीएफओ के ऊपर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए पीसीसीएफ को ज्ञापन सौंपने की बात कही है |

एक दिन पहले घटित इस मामले में वन कर्मचारी संघ का कहना है कि डीएफओ द्वारा वाहन चालक राजकुमार पांडेय का स्थान्तरण नियानुसार किया गया है, जब डीएफओ ने पहले बिलासपुर में ही उनका ड्यूटी वाहन चलाने के लिए लगाया तो श्री पांडेय ने डीएफओ कार्यालय में जानकारी दिया कि वे भारी वाहन चालक हैं, इसे ध्यान में रखते हुए डीएफओ ने भारी वाहन चालने के लिए उनका तबादला बेलगहना किया, यह पूरी तरह से नियमानुसार है डीएफओ ने नियमानुसार ट्रांसफर करते हुए उन्हें ड्यटी में पदस्थ किया है, उक्त तबादला को संघ का दबाव बनाकर बेवजह रोका जा है, अधिकारी पर दबाव बनाया जा रहा है | इसका वन कर्मचारी संघ पुरजोर विरोध करता है |

दरअसल एक दिन पहले शनिवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघके प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी तथा वन विभाग वाहन चालक संघ के विधि सलाहकार अधिवक्ता सोमनाथ वर्मा ने प्रेसवार्ता कर पत्रकारों को बताया कि बिलासपुर वन मंडल अधिकारी कुमार निशांत के प्रशासनिक आतंक एवं कार्यप्रणाली से अधीनस्थ कर्मचारी त्रस्त है। अधीनस्थ स्टाफ से पद के विपरीत काम लेना ,दबाव बनाना शासन के नियमो को ताक में रखकर कार्य करना एवं अधीनस्थ स्टाफ से दुर्व्यवहार इनकी दिनचर्या बन गई है।

उन्होंने डीएफओ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वन विभाग के अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी राज कुमार पांडेय का इन्होंने दो बार तबादला कर दिया जबकि शासन का निर्देश है कि उत्कृष्ट खिलाड़ियों को मुख्यालय में ही रखना है शासन के नियमों को ताक में रखकर वन मंडल अधिकारी द्वारा लिपिक संवग वर्ग का कार्य गैर लिपिक संवर्ग से लिया जा रहा है। विभाग के लगभग सभी वर्ग के कर्मचारी इनसे त्रस्त है राष्ट्रीय , अंतराष्ट्रीय खिलाडी राजकुमार पांडेय ने फेडरेशन को अवगत कराया है कि यदि 11 अक्टूबर तक उनकी पूर्व अनुसार पद स्थापना नहीं रहती तो वह वन विभाग की प्रतिनिधित्व करते हुए उनके द्वारा जीते सभी मेडल विभागों को वापस किए जाएंगे एवं कर्मचारी विरोधी अधिकारी का फेडरेशन पुरजोर विरोध करता है यदि समय सीमा में इनका रवैया नहीं सुधरा तो कर्मचारी फेडरेशन उग्र आंदोलन की लिए बाध्य होगा। परंतु छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने डीएफओ के पक्ष में पीसीसीएफ को सौंपने की बात कही है, एवं फेडरेशन द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।

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