अब वन विभाग द्वारा नर्सरी तैयार करने में अब नहीं होगा प्लास्टिक का उपयोग, लघु वनोपजों का संग्रहण एवं प्राथमिक संस्करण के लिए 137 वन-धन केन्द्र हो रहे विकसित
बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश में वन विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 7 से 8 करोड़ पौधों की नर्सरी तैयार की जाती है । इसके लिए अब प्रदेश में संयुक्त वन प्रबंधन समितियों और वनांचल के स्व-सहायता समूहों के माध्यम से बांस अथवा दोना-पत्तल द्वारा नर्सरी तैयार की जाएगी । इसके अलावा तीन लाख ट्री-गार्ड में लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा, बल्कि अब ट्री-गार्ड का निर्माण बांस से ही किया जाएगा। इससे वनांचल सहित मैदानी क्षेत्र के स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी होगी ।
श्री चतुर्वेदी ने यह भी बताया कि वनांचल के लोगों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए उन्हें राज्य में बहुतायत से पाए जाने वाले लघु वनोपजों से भी जोड़ा जा रहा है। इसके तहत राज्य भर में 800 हाट बाजारों का सर्वे उपरांत 137 हाट बाजारों का चिन्हांकन कर इसे वन-धन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन वन-धन केन्द्रों में स्व-सहायता समूहों और संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा लघु वनोपजों का संग्रहण किया जाएगा। संग्रहण के उपरांत समितियों तथा समूहों द्वारा उसका प्राथमिक संस्करण का कार्य भी किया जाएगा।