विधानसभा सत्र के अंतिम दिन विपक्ष ने जमकर मचाया हंगामा, मुख्यमंत्री ने दिया करार जवाब, कहा- नान घोटाला, झीरम घाटी समेत पूर्व मंत्री की शिकायत पर भी होगी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन पक्ष-विपक्ष में जमकर तकरार हुई, विपक्ष ने सदन में जहां पूर्ण शराब बंदी, किसानों का कर्ज माफ मुद्दे पर जमकर हमला किया तो वही मुख्यमंत्री ने विपक्ष को सवालों के जवाब देते हुए पूर्व सीएम सहित बीजेपी के तमाम विधायकों पर जमकर बरसे |
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि आपने 15 साल तक नक्सलवाद समस्या का हल ढूंढ रहे थे, जबकि नक्सलवाद कम नहीं हुआ, बल्कि और बढ़ गया, इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कहते कुछ और है और आप सुनते कुछ और है हमने कभी नहीं कहा कि नक्सलियों से बात करेंगे | हमने कहा कि हम पीड़ित और पत्रकारों से बात करेंगे |
विपक्ष के शराबबंदी सवाल पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आप शराबबंदी को लेकर सवाल उठा रहे हैं, ये कोई नोटबन्दी नहीं है, जिसमें हजारों लोग मर गए। किसी को विश्वास में नहीं लिया गया। 500 के नोट को रद्दी के टोकरे में डाल दिया गया। हमने कहा है हम शराबबंदी करेंगे, लेकिन राज्य में 85 तहसील अनुसूचित क्षेत्रो में आता है। हम बात करेंगे। हमने कमेटी भी बनाई है।
वहीं भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने धान समर्थन मूल्य के गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाने के साथ ही धान की क्वालिटी को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए । विपक्ष ने सदन में 2500 रुपए क्विंटल को लेकर नारेबाजी करते हुए कहा कि किसानों को 2500 रुपए क्विंटल धान नहीं मिला है।
पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश को जाँच के लिए पत्र दिए जाने की मामला विधानसभा में जमकर उछाला गया | मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर ने जो पत्र दिया है उस पर भी कार्रवाई का आदेश दिया है, वहीं इस मामले में पूर्व मंत्री अजय चन्द्रकर ने कहा कि जांच करा लो चाहे तो इसके लिए एसआईटी गठित कर लो |