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जज्बे को सलाम ! रायपुर की सड़कों पर ड्यूटी कर रहीं 7 महीने की गर्भवती पुलिस अफसर, खुद को नहीं मानतीं कोरोना वॉरियर…..जानिए कौन है ये महिला पुलिस अफसर

कोरोना वायरस के संक्रमण ने दुनिया को संकट में डाल दिया है, संक्रमण से बचने के लिए छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत में लॉकडाउन लागू है और आपातकाल जैसे हालात हैं, पुलिस अधिकारी-कर्मचारी अपने घरों से दूर रहकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, ताकि लोग सुरक्षित रहें। ऐसे हालात में लॉक डाउन के दौरान राजधानी रायपुर की सड़कों पर कानून और व्‍यवस्‍था के हालात का जायजा लेती 7 माह की गर्भवती एक पुलिस अधिकारी की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं, राजधानी रायपुर में पदस्थ एएसपी अमृता सोरी ध्रुव रोजना अपने मातहतों के साथ पैदल ही सड़क पर मार्च करती नजर आ जाती हैं | इस टीम को लीड कर रहीं एडिशनल एसपी (ISU) अमृता सोरी ध्रुव 7 माह की गर्भवती हैं |


अमृता सोरी ध्रूव 2007 बैच की राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी हैं। अमृता के पति खनिज विभाग में द्वितीय श्रेणी अधिकारी हैं। अमृता जैसे अधिकारियों के लिए उनकी ड्यूटी व्यक्तिगत तकलीफों कहीं आगे बढकर प्राथमिकताओं में होती है। यह अमृता अपने जज्बे से साबित भी कर रही हैं। खास कर ऐसे समय में जब एक बडी आबादी पर गंभीर बीमारी का खतरा मंडरा रहा है, वे लगातार ड्यूटी कर रही हैं।

रायपुर में आईयूसीएडब्ल्यू की एडिशनल एसपी अमृता सोरी ध्रुव के इस जज्‍बे को देखते हुए उन्‍हें कोविड वारियर कहने से कोई गुरेज नहीं कर रहा है, हालांकि वे खुद को इसके लिए उचित नहीं मानती हैं, अमृता सोरी ध्रुव का कहना है कि मुझे नहीं लगता कि मैं कोई कोविड वारियर हूं, असली वारियर तो सड़कों पर तैनात जवान हैं, मैंने देखा है कि कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अफसर और जवान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं |

अमृता सोरी का कहना है कि अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ कोरोना संक्रमित का इलाज करने में दिन रात लगे हुए हैं. वैसे ही पुलिस कानून और व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए दिन और रात सड़क पर तैनात है. हम सभी से अपील करते है कि सभी घर पर रहे और सुरक्षित रहें. ये सभी कोविड-19 के सही मायने में वॉरियर हैं |

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