देश - विदेश

तस्वीरों में देखिये : जब कलेक्टर रानू साहू 5 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंची सुदूर पहाड़ी गांव जिवलामारी, इन 17 आदिवासी परिवारों की समस्याओं से हुई रूबरू….बच्चों ने सुनाया पहाड़ा, तो मैडम कलेक्टर बोली…

कांकेर के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में बसे पहुंचविहीन गांव जिवलामारी पहली बार कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचा । कलेक्टर  रानू साहू पथरीली रास्ते में तक़रीबन 5 किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंची, पहली बार कलेक्टर को अपने गांव में पाकर पहाड़ की बस्ती पर निवासरत ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा । कांकेर विकासखण्ड के पहाड़ी में बसे गांव जिवलामारी में पहंुचने के लिए 3 किलोमीटर पहाड़ी को काट कर रास्ता बनाया गया है |

जिले के सुदूर पहाड़ी इलाके में ग्राम जिवलामारी स्थित हैं जहां अधिकारियों का पहुंचना आसान नहीं होता । जिले के दुरस्थ इलाकों में प्रशासन की पहुंच बनाने लगातार जिले की कलेक्टर रानू साहू प्रयासरत हैं ।

इसी तारतम्य में वे रविवार को पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव सहित जिले के अन्य अधिकारियों को लेकर सुदूर पहाड़ी ग्राम जिवलामारी पहुंचे। बीहड़ पथरीली रास्ते पर कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद पहुंची कलेक्टर को देख ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।


जिले की मुखिया कलेक्टर रानू साहू वहॉ के प्राथमिक विद्यालक के विद्यार्थियों से बातचीत की, कक्षा 5वीं के बच्चों ने 20 तक का पहाड़ा धाराप्रवाह पढ़कर सुनाया, जिसे सुनकर कलेक्टर गदगद हो गई तथा विद्यालय के शिक्षकों को बधाई दिया । विद्यालय के शिक्षक अरविंद कुरेटी ने बताया कि वह प्रतिदिन 3 किलोमीटर पैदलचलकर स्कूल पहंुचता है ।

 

 

कलेक्टर ने विद्यालय के सभी छात्र छात्राओं को स्वेटर और बुर्जुंगों और महिलाओं को शाल भेंट किया। ग्रामीणों से चर्चा कर कलेक्टर ने उनकी समस्या सुनीं, इस गांव में 17 परिवार बसते हैं, गांव में 6 हैण्डपंप है, जिनमें से 2 हैण्डपंप का पानी पीने योग्य है, शेष हैण्डपंपों का पानी आयरन युक्त होने के कारण लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी को भू-जल सर्वे कर आयरनयुक्त पानी का निदान ढूढने के लिए कलेक्टर ने निर्देशित किया ।

 

ग्रामीणजन अपने निस्तार के लिए तालाब एवं झरिया का पानी उपयोग में लाने की जानकारी कलेक्टर को दिया, जिस पर वे स्वयं 05 किलोमीटर पैदलचलकर वहां तक पहुंची ।  ग्रामीणों के मांग पर कलेक्टर रानू साहू ने मनरेगा के अंतर्गत भूमि समतलीकरण तथा तालाब जाने के रास्ते में पुलिया निर्माण का प्रस्ताव भेजने के लिए ग्राम पंचायत के सचिव को निर्देशित किया ।


तहसीलदार कांकेर को वन अधिकार मान्यता पत्र के लिए वन भूमि पर काबिज पात्र परिवारों का सर्वे कर कृषि प्रयोजन हेतु वनअधिकार पट्टा प्रदान करने के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए। अपने गांव में पहली बार कलेक्टर के साथ जिले के आला अफसरो को देखकर ग्रामीणजन गदगद हो गये।

 

 

Back to top button
close