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अब प्रदेश में सरकार नहीं बेचेगी शराब, ठेकेदार फिर संभालेंगे गद्दी….आबकारी विभाग ने आदेश जारी कर ठेकेदारों से मंगाए आवेदन….कांग्रेस का “पूर्ण शराबबंदी” वायदा पर उठने लगे सवाल

प्रदेश में पूर्ण रूप से शराब बंदी का वायदा कर 15 साल बाद सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस की सरकार अब प्रदेश में फिर से शराब ठेकेदारी को बढ़ावा देते नजर आ रही है | शराब के सरकारीकरण में बदलाव करते हुए अब सरकार एकबाफ फिर शराब ठेकेदारों के माध्यम से शराब बेचने की तैयारी में हैं, आबकारी विभाग के आयुक्त ने एक आदेश जारी करते हुए सभी शराब विनिर्माता कंपनी और बाटंलिंग ईकाईयों को नवीन ब्रांड और लेबलों के लिए पंजीयन करने के लिए आवेदन मांगे गए है |

बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने जनघोषणा पत्र में प्रदेश में सरकार बनते ही पूर्ण रूप से शराबबंदी लागू करने का वादा किया था, लेकिन आबकारी आयुक्त द्वारा जारी की गई आदेश के बाद भूपेश सरकार के वादों पर सवाल उठने लगा है | भूपेश सरकार शराब बिक्री के लिए पुरानी पद्धति को ही अपनाने की तैयारी कर रही है । 10 जनवरी तक सभी शराब विनिर्माता कंपनी और बाटंलिंग ईकाईयों को नवीन ब्रांड और लेबलों के लिए पंजीयन करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं | जिसके बाद आगे की प्रक्रिया की शुरुवात की जाएगी |

आबकारी आयुक्त द्वारा जारी की गई आदेश में लिखा गया है कि साल 2019-20 के लिए ठेका व्यवस्थापन कार्य शीघ्र होना है, इसके लिए भारत में निर्मित विदेशी मदिरा, नवीन ब्रांड व लेवलों का पंजीयन कराना है। 10 जनवरी तक आवेदन के लिए तारीख तय की गयी है। इसके साथ ही आदेश में लिखा है की अगर निर्धारित समय सीमा पर आवेदन जमा नहीं होगा तो उन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा |

वही राज्य सरकार के इस फैसले पर तंज कसते हुए पूर्व विधायक अमित जोगी ने अपने सोशल पेज पर इस संदर्भ में एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें अमित जोगी ने लिखा है कि 11वे दिन में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा करने वाली भूपेश सरकार की दूसरी वादा खिलाफ़ी। अब किस मुँह से छत्तीसगढ़ की माताओं, बहनों और बेटियों के पास जाएँगे?

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