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गर्मी के मौसम में ठंडक देंगी छत्तीसगढ़ का मॉरिशस बुका ….परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए है खास जगह…..सी बीच और बोटिंग का भी ले सकते है मजा

छत्तीसगढ़ में भले ही समुद्र नहीं है लेकिन ‘सी बीच’ की सैर करने और बोटिंग की तमन्ना रखने वालों को मायूस होने की जरूरत नहीं। शहरों की आपाधापी से दूर प्राकृतिक सौंदर्य से भरी यह ऐसी जगह है, जहाँ गर्मी में भी दिलोदिमाग को सुकून मिलता है। यहां मीलों तक 400-450 फीट की गहराई में पानी ही पानी है। हरे-भरे जंगल और पहाड़ों के बीच झीलनुमा इस जगह पर नीला जल दिल-ओ-दिमाग पर छा जाता है। छत्तीसगढ़ में भले ही समुद्र नहीं है लेकिन ‘सी बीच’ की सैर करने और बोटिंग की तमन्ना रखने वालों को मायूस होने की जरूरत नहीं। शहर से 80 किमी दूर प्राकृतिक खूबसूरती से भरी ऐसी जगह है, जाे इस गर्मी में भी दिलोदिमाग को सुकून पहुंचाती है। यहां मीलों तक 400-450 फीट की गहराई में पानी ही पानी है। हरे-भरे जंगल और पहाड़ों के बीच झीलनुमा इस जगह पर पानी का रंग भी हरा हो गया है। बीच-बीच में प्राकृतिक रूप से उभरे टापू और उस पर खड़े दरख्तों की हरियाली की वजह से इसे छत्तीसगढ़ का मॉरिशस कहा जाने लगा है। कटघोरा के पास स्थित जल विहार ‘बुका’ खूबसूरती अनूठी है।

अलसुबह ग्लास हाउस से आसमान में उगते सूरज का नजारा अलग ही होता है। मौसम के अनुसार दिन चढ़ने से शाम ढलने तक अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। धूप पड़ने पर पानी चांदी जैसा चमकने लगता है। गर्मियों में बुका में सुबह-शाम स्वीमिंग और बोटिंग का लुत्फ उठाने लोग दूर-दूर से आते हैं। बोट से 16 किमी के सफर में कई छोटे-छोटे टापू हैं तो साल, सागौन, साजा, सेन्हा आदि के पेड़ों की श्रृंखला मन को सुकून देती है। थकान मिटाने के लिए टेंट, रेस्ट हाउस और ग्लास हाउस हैं, जहां सौर ऊर्जा की रोशनी तो तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

जल मार्ग से कई टूरिस्ट प्लेस जुडे़
बुका प्रदेश का संभवत: पहला पर्यटक स्थल है, जहां कई टूरिस्ट प्लेस का सफर बोट से किया जाता है। बुका से बांगो डैम का फासला 25 किमी का है। बुका से बोट के जरिए दो घंटे में वहां पहुंचा जा सकता है। इसी तरह डेढ़ घंटे में सतरेंगा, घंटेभर में गोल्डन आईलैंड तथा केंदई जल प्रपात, मंजूरखोर आदि टूरिस्ट प्लेस तक जा सकते हैं।

ऐसे पहुंच सकते हैं आप बुका
बिलासपुर से 80 किमी तो कटघोरा से 35 किमी दूर अंबिकापुर मार्ग पर मड़ई से पांच किलोमीटर दूर जंगलों के बीच है बुका। यह कटघोरा वनमंडल के मड़ई वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आता है। बिलासपुर या कोरबा से इस टूरिस्ट प्लेस के लिए टैक्सी आसानी से उपलब्ध हो जाती है।

पर्यटकों ने ही इसका नाम रखा है
बुका को छत्तीसगढ़ के मॉरिशस का नाम टूरिस्ट ने ही दिया है। सारे आईलैंड को आईडेंटिफाई करने, सूचीबद्ध करने, किनारे के जंगलों में डियर तथा विभिन्न मौसम में पहुंचने वाले पक्षियों के लिए बसेरा बनाने, जैव विविधता के संरक्षण जैसी योजनाओं पर काम कर रहे हैं।

 

सूर्योदय के समय ग्लास हाउस से आसमान में उगते सूरज का अप्रतिम होता है। मौसम के अनुसार दिन चढ़ने से शाम ढलने तक अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। गर्मियों में बुका में सुबह-शाम स्वीमिंग और बोटिंग का लुत्फ उठाने लोग दूर-दूर से आते हैं। बोट से 16 किमी के सफर में कई छोटे-छोटे टापू हैं तो साल, सागौन, साजा, सेन्हा आदि के पेड़ों की श्रृंखला मन को सुकून देती है।

थकान मिटाने के लिए टेंट, रेस्ट हाउस और ग्लास हाउस हैं, जहां सौर ऊर्जा की रोशनी तो तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। बुका प्रदेश का संभवत: पहला पर्यटक स्थल है, जहां कई टूरिस्ट प्लेस का सफर बोट से किया जाता है। बुका से बांगो डैम का फासला 25 किमी का है। बुका से बोट के जरिए दो घंटे में वहां पहुंचा जा सकता है। इसी तरह डेढ़ घंटे में सतरेंगा, घंटेभर में गोल्डन आईलैंड तथा केंदई जल प्रपात, मंजूरखोर आदि टूरिस्ट प्लेस तक जा सकते हैं।

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