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कलेक्टर रानू साहू के प्रयासों का नीति आयोग ने ट्वीट कर की सराहना….कांकेर कलेक्टर होने के दौरान रानू ने की थी “लालिमा – लोहा लें एनिमिया से” कार्यक्रम की शुरुवात….अब बालोद में भी शुरू करने की तैयारी

ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य, शिक्षा और बच्चों व महिलाओं के स्वास्थ्य में बेहतर सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा गठित नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एनिमिया उन्नमूलन के लिए चलाई जा रही लालिमा – लोहा लें एनिमिया से’ कार्यक्रम की सराहना की है | इस अभियान की शुरुवात तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू ने की थी |

नीति आयोग ने अपने ट्वीटर पेज पर एनिमिया मुक्त भारत जन आंदोलन के तहत कांकेर जिले में चलाई जा रही एनिमिया उन्नमूलन कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है कि छत्तीसगढ़ कांकेर में ‘लालिमा – लोहा लें एनिमिया से’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैI इसके अंतर्गत 15 वर्ष से 49 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं की खून जांच कर उन्हें आयरन की गोलियां दी जा रही है I

वही बालोद कलेक्टर रानू साहू  कांकेर जिले के बाद अब बालोद जिले में महिलाओं और बच्चों में खतरनाक हद तक बढ़ चुकी एनिमिया की स्थिति को सुधारने के लिए एनिमिया मुक्त भारत के तहत एनिमिया उन्नमूलन  कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत गांव-गांव जाकर पांच वर्ष तक के बच्चों और 15 से 49 आयुवर्ग की महिलाओं की रक्त जांच की जाएगी और एनिमिक पाए जाने पर उन्हें जरूरी उपचार दिया जाएगा, साथ ही आयरन की गोलियां भी दी जाएगी |

बता दें कि हमारे शरीर में आयरन की कमी हो जाने के कारण हीमोग्लोबिन का बनना सामान्य से कम हो जाता है, तब हमारे शरीर में खून की कमी होना शुरू हो जाती है जिसको एनीमिया के रूप में जाना जाता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तथा महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना चाहिए। रक्त में आयरन तत्व की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है, जिसे हम एनीमिया के नाम से जानते हैं।

क्यों होता है एनीमिया
एनिमिया का सबसे बड़ा कारण है शरीर में आयरन की कमी।
अगर आप खाने में कैल्शियम बहुत ज्यादा लेते हैं, तो यह भी एनिमिया का एक कारण साबित हो सकता है।
हरी सब्जियां न खाना।
शरीर से बहुत अधि‍क खून बह जाने से भी एनिमिया हो सकता है।

एनीमिया के लक्षण
शुरुआत में शरीर में खून की कमी होने पर कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन जैसे जैसे यह कमी बढ़ती जाती है इसके लक्षण भी बढ़ने लगते हैं। कमजोरी और थकावट महसूस होना, चक्कर आना, लेट के उठने पर आँखों के सामने अन्धेरा छा जाना। सिर दर्द रहना, हृदय की धड़कन तेज या असामान्य होना, त्वचा व नाखूनों का पीला होना। हाथों और पैरों का ठंडा होना, आंखें पीली हो जाना, सांस फूलना, छाती में दर्द होना, महिलाओं में मासिक धर्म कम होना।

एनीमिया से बचाव
एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति को अपने डाइट में थोड़ा सा बदलाव करना जरुरी होता है। अपने हाइट में आयरन वाली चीजें ज्यादा से ज्यादा लें। इसके लिए चकुंदर, गाजर, टमाटर और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें।
खाने में अधिक गुड और चना का इस्तेमाल करें। जो कि हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करेगा।
अगर आयरन की कमी अधिक हो गई है तो डॉक्टर से सलाह लेकर आयरन की टेबलेट लेना शुरु करें।

 

 

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