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CM भूपेश बघेल कल करेंगे कलेक्टर्स- SP कांफ्रेंस….27 जिलों के कलेक्टर-SP से करेंगे चर्च, कमिश्नर और आईजी भी कांफ्रेंस में होंगे शामिल…विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की करेंगे समीक्षा

प्रदेश में नयी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल गुरुवार को दूसरी बार कलेक्टर्स- एसपी कांफ्रेंस करने जा रहे हैं। इस बैठक में सभी जिलों के कलेक्टर, एसपी समेत पांचों संभाग के आयुक्त और रेंज आइजी के साथ आला अफसर शामिल होंगे। बैठक दो पाली में होगी |

बता दें कि कल गुरुवार 6 जून को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कलेक्टर्स-पुलिस अधीक्षकों की कॉन्फ्रेंस मंत्रालय में दो सत्रों में आयोजित की गई है। प्रथम सत्र दोपहर एक बजे से 5 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें समस्त संभागायुक्त, कलेक्टर, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा नगर निगमों के आयुक्त उपस्थित रहेंगे। कलेक्टर कॉन्फ्रेंस का दूसरा सत्र शाम 5 बजे से शाम 7 बजे तक होगा, जिसमें समस्त संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे।

कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना ‘नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी, लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति, वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निरस्त आवेदनों की समीक्षा, शहरी भूमि के पट्टों के नवीनीकरण, नदियों की भूमि के सीमांकन एवं उस पर हुए अतिक्रमण की जानकारी, जल संरक्षण हेतु किए गए उपायों और सिंचाई रकबा दोगुना करने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना की समीक्षा की जाएगी।

कॉन्फ्रेंस में नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बनाई जाने वाली कार्ययोजना, नदियों के तट पर वृक्षारोपण, चिटफंड घोटाले की पीडि़तों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी और पीडि़तों को राशि वापसी हेतु किए गए उपायों, फूड प्रोसेसिंग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम श्रेणी, लघु वनोपज आधारित एवं कृषि प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना एवं प्रस्तावित रोजगार सृजन की कार्ययोजना, डीएमएफ और सीएसआर से हितग्राही मूलक कार्यों की प्रस्तावित कार्ययोजना तथा अब तक प्राप्त राशि एवं व्यय की स्थिति, पेयजल संकटग्रस्त ग्रामों, मजरों-टोलों को पेयजल संकट से मुक्त करने की प्रस्तावित कार्ययोजना, जेनेरिक दवाईयों की उपलब्धता और महिलाओं एवं बच्चों एवं पोषण स्तर में सुधार की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

कॉन्फ्रेंस के दौरान समर्थन मूल्य पर धान के उपार्जन, परिवहन और कस्टम मिलिंग, वर्षा पूर्व पहुंचविहीन क्षेत्रों में खाद्यान्न भण्डारण, बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों के चिन्हांकन और आवश्यक व्यवस्थाएं, शहरी क्षेत्रों में नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की कार्ययोजना, पेयजल संकट निवारण, नालों-नालियों की वर्षा पूर्व सफाई, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, मोर जमीन-मोर मकान योजना, शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध ई.डल्ब्यू.एस. भूमि और खरीफ हेतु खाद और बीज की समुचित व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।

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