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अंतागढ़ टेपकांड मामला : अब डॉ पुनीत गुप्ता ने भी वॉइस सैंपल देने से किया इंकार, कहा – SIT को नहीं दूंगा वॉइस सैंपल

अंतागढ़ टेपकांड मामले में अमित जोगी, मंतूराम पवार के बाद इस मामले में बनाए गए आरोपी डॉ पुनीत गुप्ता ने एसआईटी को वॉइस सैंपल देने से मना कर दिया है, हालंकि उन्होंने कहा कि वे एसआईटी दफ्तर जाएंगे लेकिन वॉइस सैंपल नहीं देंगे |

बता दें कि अंतागढ़ टेपकांड मामले में वॉइस सैंपल के लिए एसआईटी ने पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी, पूर्व विधायक अमित जोगी, पूर्व विधायक मंतूराम पवार को नोटिस भेजा था, वही इस मामले में मंतूराम पवार और अमित जोगी ने एसआईटी को वॉइस सैंपल देने से मना कर दिया है | अमित जोगी और मंतूराम का कहना है कि एसआईटी जब तक उन्हें कोर्ट का भेजा हुआ आदेश कॉपी दिखाएगा तब ही वे अपना वॉइस सैंपल देंगे |

वही इस मामले में कुछ माह पहले पूछताछ के दौरान इस टेपकांड के मास्टरमाइंड फिरोज सिद्द्की ने एसआईटी टीम को बताया था कि अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मंतुराम पवार को चुनाव मैदान से हटने के लिए 7 करोड़ रुपए में सौदेबाजी हुई थी, जिसमें करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपए एक शख्स के माध्यम से मंतुराम पवार को भिजवाया गया था। इसके साथ ही फिरोज सिद्दीकी ने बताया था कि इस टेप कांड में कई दिग्गज नेता शामिल है |

बता दें कि 2015 में एक राष्ट्रीय अखबार में अंतागढ़ चुनाव में हुई खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप का बातचीत का कुछ कुछ अंश प्रकशित किया था, जिसमें पूर्व सीएम अजित जोगी, उनके बेटे अमित जोगी और पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता का बातचीत के अंश होने का दावा किया गया था। टेप में कथित तौर पर मंगतूराम को चुनाव में बिठाने के लिए 7 करोड़ के लेनदेन की बात थी। टेप सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने जांच की मांग कि थी पर उस समय इस पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई थी |

ये था पूरा मामला
साल 2014 में अंतागढ़ विधायक विक्रम उसेंडी ने लोकसभा चुनाव जीता, इसलिए उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया । उनकी छोड़ी सीट के लिए 12 सितंबर 2014 को अंतागढ़ में उप-चुनाव हुआ। चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा 13 उम्मीदवार मैदान में थे । पर नाम वापसी की समय सीमा गुजरने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार मंगतूराम पवार ने चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी । मंगतूराम ने ऐसे समय मैदान छोड़ा, जब कांग्रेस दूसरा उम्मीदवार खड़ा नहीं कर सकती थी। इसलिए पार्टी ने एक निर्दलीय को समर्थन दिया । लेकिन भाजपा उम्मीदवार भोजराज नाग 50 हजार वोटों से जीत गए ।

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