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“शराब बिक्री” पर आबकारी विभाग ने पत्र जारी करके दी सफाई…..“सूचना पत्र को लेकर कुछ भ्रांतियां, यह प्रतिवर्ष होने वाली सामान्य प्रक्रिया….देशी-विदेशी के विक्रय के ठेका से कोई संबंध नहीं

जूनियर जोगी के ट्वीट से मचे बवाल के बाद अब राज्य सरकार शराब बिक्री को लेकर सफाई देना पड़ रहा है | भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है, राज्य सरकार के आबकारी विभाग ने सूचना  पत्र जारी करते हुए बताया है कि सोशल मीडिया में जो पत्र वायरल हो रहा है, उस पत्र का शराब बिक्री और ठेका से कोई सम्बंध नहीं है, बल्कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो हर वर्ष जारी की जाती है | प्रदेश में अभी शराब बिक्री को लेकर कोई नीति तय नहीं हुई है,  नए ठेका नीति बनने तक पुराने नीति ही रहेगी |

बता दें कि सोशल मीडिया पर आबकारी विभाग द्वारा जारी सूचना पत्र वायरल हुए, जिसमें लिखा गया था की साल 2019-20 के लिए ठेका व्यवस्थापन कार्य शीघ्र होना है, इसके लिए भारत में निर्मित विदेशी मदिरा, नवीन ब्रांड व लेवलों का पंजीयन कराना है। 10 जनवरी तक आवेदन के लिए तारीख तय की गयी है। इसके साथ ही आदेश में लिखा है की अगर निर्धारित समय सीमा पर आवेदन जमा नहीं होगा तो उन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा  |

आबकारी विभाग के इस पत्र के जारी होने के बाद कयास लगाया जा रहा था की राज्य सरकार ठेका पद्धति अपनाते हुए प्रदेश में शराब ठेके पर दिया जाएगा | इस पत्र का स्पष्टिकरण करते हुए आबकारी विभाग ने सूचना पत्र जारी कर बताया कि कार्यालय द्वारा जारी सूचना पत्र के संदर्भ में जो भ्रांतिया  हो रही है, उस पत्र का शराब बिक्री और ठेका से कोई सम्बंध नहीं है, बल्कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो हर वर्ष जारी की जाती है |

बता दें कि पूर्व विधायक अमित जोगी ने भी पत्र को आधार मानकर भूपेश सरकार पर सवाल करते हुए जमकर निशाना साधा था, अमित जोगी ने अपने सोशल पेज पर इस संदर्भ में एक पोस्ट शेयर किया था, जिसमें अमित जोगी ने लिखा था की 11वे दिन में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा करने वाली भूपेश सरकार की दूसरी वादा खिलाफ़ी। अब किस मुँह से छत्तीसगढ़ की माताओं, बहनों और बेटियों के पास जाएँगे?

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