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भूपेश कैबिनेट बनते ही कांग्रेसियों में दिखा असंतोष, इन दिग्गज कांग्रेस नेताओं का टूटा मंत्री बनने का सपना…अब आलाकमान से मिलने की कर रहे तैयारी

छत्तीसगढ़ सरकार की मंत्रिमंडल गठन होने के बाद मंत्री नहीं बनाए जाने पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की बगावत की खबर सामने आ रही है, पार्टी के दिग्गज नेता मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर खुद के साथ अन्याय बताते हुए न्याय के लिए आलाकमान से मिलने की बात कर रहे है | वही उनके समर्थक भी विरोध करते हुए अपने नेता को मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे है |

बता दें कि भूपेश मंत्रिमंडल में जातिगत, सामाजिक समीकरण और वरिष्ठता के आधार पर 9 विधायकों को मंत्री बनाया गया है, जिनमें से तीन आदिवासी, दो सतनामी समाज, ओबीसी से मंत्री सहित कुल चार, अल्पसंख्यक से 1 और सामान्य से दो मंत्री शामिल हैं । जबकि अभी एक मंत्री पद को रिक्त रखा गया है | वही मंत्रिमंडल में एक महिला को भी शामिल किया गया है |

राजिम विधानसभा सीट से विधायक और कांग्रेस के दिग्गज नेता अमितेश शुक्ला ने मंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मेरे साथ अन्याय हुआ है और न्याय के लिए दिल्ली आला कमान से मिलने जाउंगा, मेरा परिवार नेहरु-गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ जुड़ा रहा है, मैं उनसे हमेशा न्याय की उम्मीद करूंगा, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले भी मैं मंत्री रह चूका हूं तो मुझे मंत्री पद मिलना था |

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और अविभाजित मध्यप्रदेश में भी मंत्री रह चुके अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने मंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें मंत्री पद के योग्य ही नहीं समझा गया, पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को अनदेखा किया है | सभा स्टाल पर राज्य सभा सांसद छाया वर्मा मानते हुए दिखी |

विधायक धनेंद्र साहू को मंत्री नहीं बनाए जाने पर उनके समर्थकों ने राहुल गांधी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जिनका वीडियों सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें उनके समर्थक मंत्री बनाने की मांग कर रहे है, वही नारा के बीच विधायक धनेन्द्र साहू ने अपने समर्थकों से कहा कि यह नारा लगाने से मंत्री बनते हैं क्या, नारा मत लगाओं, पहले भी सबको मना किया है, फिर भी वहीं काम कर रहे हैं, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब सामान्य कार्यकर्ता और विधायक के तौर पर अपने क्षेत्र और राज्य की जनता के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे ।

वही पार्टी के दिग्गज नेता सात बार के चुने गए विधायक सत्यनारायण शर्मा को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है , जबकि वे जोगी सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके है, हालंकि विधायक सत्यनारायण शर्मा ने किसी भी तरह से अपनी नाराजगी जाहिर नहीं किया है | वे अपने सौम्य व्यवहार और आम लोगों के बीच हमेशा नजदीक रहने के चलते लोकप्रिय नेता हैं, सत्यनारायण शर्मा को राजनीति विरासत में मिली है, वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संपादक और लेखक पद्मभूषण पंडित झाबरमल शर्मा के प्रपौत्र हैं और जगदीश प्रसाद शर्मा के पुत्र हैं |

बता दें कि 13 सदस्यों वाले छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित अब तक 12 विधायक मंत्री पद के शपथ ले चुके है, जबकि अभी एक पद मंत्री का खाली रखा गया है, ऐसे में इन दिग्गज नेताओं को उम्मीद है की पार्टी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते है | अब देखना होगा आने वाले समय में किसे मंत्रिमंडल में शामिल किया जायेगा और किसे नहीं |

 

 

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