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पत्रकार सुशील पाठक हत्याकांड से जुड़े मामले में CBI कोर्ट का बड़ा फैसला, रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई अफसर समेत तीन दोषमुक्त

बिलासपुर हाईप्रोफाइल पत्रकार सुशील पाठक हत्याकांड में सीबीआई की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है । मामले में सीबीआई कोर्ट ने अहम् फैसला सुनाते हुए तत्कालीन एडिशनल एसपी डीके राय, कांस्टेबल लक्ष्मी नारायण और पत्रकार तपन गोस्वामी को दोषमुक्त करार दिया है । इन तीनो पर केस को प्रभावित करने के लिए 2 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा था ।
9 दिसम्बर 2010 की रात को बिलासपुर प्रेस क्लब के सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार सुशील पाठक का चटर्जी गली सरकंडा में हमलवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, पत्रकार सुशील अपने घर सरकंडा लौट रहे थे । मर्डर के दो महीने बाद फरवरी 2011 में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे । जांच में पुलिस द्वारा लापरवाही बरते जाने पर राज्य शासन की अनुशंसा पर सीबीआई दिल्ली ने सितंबर 2011 में मामले को अपने हाथ में लिया था ।
उसके बाद मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सीबीआई जाँच की घोषणा की थी, जाँच के दौरान कांस्टेबल लक्ष्मी नारायण ने और तपन गोस्वामी पर सरकंडा के ठेकेदार राम बहादुर सिंह ने इस केस में फ़साने के लिए 10 लाख मांगने का आरोप लगया था | ठेकेदार ने इसकी  शिकायत सीबीआई विजीलेंस भिलाई कार्यालय में भी किया था, सीबीआई इंस्पेक्टर द्वारा रिश्वत लेने का मामला था इसलिए इस केस की जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस को दी गई थी, दिल्ली और भिलाई से सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने जरहाभाठा मंदिर चौक स्थित अर्पाटमेंट में आरोपी तपन गोस्वामी के घर में छापा मारा था, इस दौरान सीबीआई को तपन गोस्वामी के कार से 2 लाख बरामद हुआ था | जांच के बाद सीबीआई ने  एएसआई लक्ष्मीनारायण शर्मा और एक बिचौलिए को गिरफ्तार किया था ।
मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीबीआई डीके राय को भी गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारी द्वारा रिश्वत लिए जाने और अपराधियों के पकड़े नहीं जाने को लेकर उनकी पत्नी संगीता पाठक और बिलासपुर प्रेस क्लब ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी । याचिका में राज्य शासन, पुलिस विभाग, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर समेत अन्य को पक्षकार बनाया गया था।

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