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जस्टिस रंजन गोगोई होंगे सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस, 3 अक्टूबर को लेंगे शपथ, जानिए जस्टिस गोगोई के बारे में

जस्टिस रंजन गोगोई देश के अगले प्रधान न्यायाधीश (CJI) बनने जा रहे हैं, वर्तमान सीजेआई दीपक मिश्रा उनके नाम की सिफारिश करने जा रहे हैं | जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं, न्यायिक परंपराओं के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को चीफ जस्टिस बनाया जाता है, सीनियॉरिटी के हिसाब से जस्टिस गोगोई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद सबसे ऊपर हैं | लिहाजा उनका अगला सीजेआई बनना लगभग तय है, जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर को अगले चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे |

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कानून मंत्रालय ने प्रोटोकॉल के तहत जस्टिस दीपक मिश्रा से अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश भेजने को कहा, चीफ जस्टिस मिश्रा ने शनिवार को जस्टिस रंजन गोगोई की सिफारिश कानून मंत्रालय को भेजी है. अब इसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है |

बता दें कि जस्‍टिस गोगोई को 28 फरवरी 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट का जज नियुक्‍त किया गया था, वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के भी जज रह चुके हैं. इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए |

दरअसल, चारों जजों ने न सिर्फ अनियमितता को लेकर लिखी चिट्ठी को सार्वजनिक कर दिया, बल्कि चीफ जस्टिस पर नियमों की अनदेखी कर केस जजों या फिर बेंच को सौंपने का आरोप लगाया. चारों जजों ने कहा था कि अगर न्याय व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया तो लोकतंत्र महफूज नहीं रहेगा.

कौन हैं जस्टिस गोगोई?
जस्टिस रंजन गोगोई असम से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ. उन्होंने 1978 में वकालत शुरू की और 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बनाए गए |

इसके 9 साल बाद 9 सितंबर 2010 को उनका ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के तौर पर हुआ |
12 फरवरी 2011 को जस्टिस गोगोई पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने, 23 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट में आए |
सीजेआई बनने के बाद जस्टिस गोगोई का कार्यकाल एक साल, एक महीने और 14 दिन का होगा, वे 17 नवंबर 2019 को रिटायर होंगे |

सुप्रीम कोर्ट को लेकर उठाई थी आवाज़
जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल रहे हैं, जिन्‍होंने 12 जनवरी 2018 को एक अप्रत्याशित प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के कामकाज के तरीके और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए गए थे |

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