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कांग्रेस नेता पंकज सिंह के खिलाफ एट्रोसिटी का मामला दर्ज, फिर गरमाई राजनीति…विधायक शैलेश बोले – मुझे न्यायलय पर पूरा भरोसा…उधर श्रीवास्तव ने वीडियो जारी कर जताई नाराजगी

सिम्स के टेक्नीशियन से कांग्रेस नेता पंकज सिंह के विवाद मामला एकबार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है, पुलिस ने जांच के बाद पंकज सिंह के खिलाफ धारा 294 और 323 के साथ एट्रोसिटी एक्ट की धारा भी जोड़ी है. जिसके बाद बिलासपुर की राजनीति एकबार फिर गरमा गई है, विधायक शैलेश पांडेय समेत कई कांग्रेस नेता कार्रवाई को लेकर एकबायर फिर पुलिस को कटघरे में खड़ा करने लगे हैं |

आपको बता दें कि बीते 18 सितंबर की रात सिम्स में इलाज में देरी के नाम पर कांग्रेस नेता पंकज सिंह द्वारा रेडियोलाजी विभाग के टेक्नीशियन तुलाचंद तांडे से मारपीट का आरोप लगा था, पीड़ित टेक्नीशियन ने सिटी कोतवाली थाने में कांग्रेस नेता पंकज सिंह के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई. पुलिस ने सिम्स के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पंकज सिंह के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत जुर्म दर्ज किया था | इस मामले में मामले में हाईकोर्ट से 5 अक्टूबर को पंकज सिंह को अग्रिम जमानत मिली हुई है | मामले में 22 सितंबर को विधायक शैलेष पांडेय के साथ पंकज सिंह और समर्थकों ने कोतवाली थाने का घेराव किया, इसके बाद 23 सितंबर को सतनामी समाज के प्रतिनिधियों के साथ लोगों ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर पंकज सिंह के खिलाफ एट्रोसिटी का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की थी, अब कांग्रेस नेता पंकज सिंह के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट की धारा जोड़ने के बाद बिलासपुर के राजनीति फिर से गरमाने लगी है | विधायक शैलेश पांडेय, अधिवक्ता कांग्रेस नेता सुदीप श्रीवास्तव समेत कई कांग्रेस नेता इस कार्रवाई को लेकर सवाल खड़ा करने लगे हैं

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न्यायलय पर पूरा भरोसा : शैलेश
इस मामले में शैलेश पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आशा करता हूँ पुलिस आँख में पट्टी बांधकर किसी के इशारे पर विवेचना नहीं कर रही होगी | हालाँकि मुझे न्यायलय पर पूरा भरोसा है |

पुलिस राजनितिक दबाव में आकर ना करे काम : श्रीवास्तव
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्त ने इस मामले में वीडियो जारी करते हुए अपना पक्ष रख है, उन्होंने कहा कि पंकज सिंह के ऊपर धारा लगने की खबर से मुझे बहुत दुख हुआ है और मुझे बहुत नाराजगी भी है | थाना में जो शिकायत और एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें कही पर भी नहीं है कि कोई जाति सूचक सबोधक के साथ अपमानित किया है, इस तरह के मामलो में केवल राजनितिक दबाव में आकर इस तरह की कार्रवाई होगी तो जो विभिन्न समाज में, लोगों के बीच में अच्छा तानाबाना है उसको भी चोंट पहुंचेगी | मैं पुलिस से अपील करता हूँ कि कार्रवाई की समीक्षा करें और जब तक शिकायत और एफआईआर में नहीं है जातिसूचक संबोधक में अपमानित करने का, तब तक इस धरा को एफआईआर से विलोपित किया जाए |

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