राजनीति

CM भूपेश बघेल ने PM मोदी से फोन पर की चर्चा, FCI में चावल उपार्जन की अनुमति देने की मांग की….खत में लिखा – तो किसानों को बड़ा नुकसान होगा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की। सीएम ने एफसीआई में छत्तीसगढ़ का चावल उपार्जन की अनुमति देने की मांग की । पीएम मोदी ने मांग पर जल्द उपयुक्त कार्रवाई का आश्वासन दिया । बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धान खरीदी को लेकर आ रही समस्याओं के निपटारे को लेकर पीएम से गुहार लगा रहे हैं। फोन पर चर्चा से पहले सीएम ने पीएम को पत्र लिखकर धान खरीदी की लेकर जरूरी अनुमति देने की अपील की थी ।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में सीएम भूपेश ने राज्य में धान की खरीदी व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति जारी करने का आग्रह किया है. सीएम ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से धान खरीदी व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति तत्काल जारी करने के संबंध में आग्रह किया है. सीएम बघेल ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि धान खरीदी प्रभावित होने से राज्य के पंजीकृत 21.52 लाख किसानों की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ना निश्चित है.

सीएम बघेल ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति तत्काल जारी करने का अनुरोध है. सीएम ने लिखा है कि धान खरीदी कार्य पूर्ण करने हेतु बारदाने की व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. राज्य सरकार द्वारा जूट कमिश्नर, भारत सरकार के माध्यम से 3 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति की मांग की थी, जिसके विरूद्ध राज्य को मात्र 1.45 लाख गठान बारदाने आबंटित हुए, जिसमें से केवल 1.05 लाख गठान बारदाने ही प्राप्त हुए हैं. केन्द्र सरकार की अनुमति प्राप्त न होने से वर्तमान में खरीदी केन्द्रों पर धान का उठाव न होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित हो रही है. इससे धान के निराकरण में विलंब होगा जिससे भंडारित धान का क्षतिग्रस्त होना संभावित है.

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जारी
गौरतलब है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में केन्द्र सरकार द्वारा विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में छत्तीसगढ़ राज्य को 60 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन हेतु सैद्धांतिक सहमति दी गई. जिसके उपरांत राज्य सरकार ने एक दिसम्बर 2020 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ की और अब तक 12 लाख किसानों से लगभग 47 लाख टन धान का उपार्जन हो चुका है. समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को मिलिंग उपरांत केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को परिदान किए जाने हेतु आवश्यक अनुमति खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार से अभी तक अप्राप्त है. इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पत्र के माध्यम से एवं दूरभाष के माध्यम से कई बार अनुमति जारी करने के लिए अनुरोध किया गया, किन्तु अभी तक अनुमति प्राप्त नहीं हुई है.

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