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ब्रेकिंग : उदंती-सीतानदी टाईगर रिजर्व में अवैध कटाई मामले में बड़ी कार्रवाई, रेंज अफसर सहित तीन सस्पेंड….वनमंत्री की नाराजगी के बाद हुई कार्रवाई

उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में ओडिशा के ग्रामीणों द्वारा बड़े पैमाने पर जंगल की कटाई कर बस्ती बसाने के मामले में पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने बड़ी कार्रवाई की है, मामले में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के तीन कर्मचारियों पर गाज गिर गई है, विभाग ने नीलकंठ गंगबेर परिक्षेत्र अधिकारी, सत्यनारायण प्रधान वनरक्षक और चन्द्रशेखर ध्रुव वनपाल, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी को निलंबित कर दिया है | वनकर्मियों को निलंबित करने की असल वजह पेड़ों की कटाई होने की जानकारी मिलने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ किसी तरह से कोई कार्रवाई नहीं करना तथा इस बात की जानकारी वन मुख्यालय को नहीं देना बताया जा रहा है।

बता दें कि उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में ओडिशा के ग्रामीणों द्वारा बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई कर अवैध कब्जा करने का मामला सामने आया था, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने टाइगर रिजर्व में अवैध कटाई मामले में वनबल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने एक उच्चस्तरीय जांच टीम गठित कर मामले की जांच के आदेश दिए । जाँच के बाद मामले में प्रथम दृस्थ्या दोषी पाए गए अफसरों पर कार्रवाई की गई है, विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उदन्ती अभ्यारण की अतिक्रमण एवं अवैध कटाई की शिकायत की जांच में प्रथम दृष्टया पाया गया है कि नीलकंठ गंगबेर परिक्षेत्र अधिकारी इंदागांव (बफर) परिक्षेत्र ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता एवं लापरवाही बरती है. इस कारण नीलकंठ गंगबेर के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थापित किया जाना प्रस्तावित है, चूंकि नीलकंठ गंगबेर के अपने पद पर बने रहने से विभागीय जांच आदि प्रभावित होने की आशंका है, ऐसे में नीलकंठ गंगबेर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनका मुख्यालय कार्यालय वनमण्डलाधिकारी क्षेत्रीय रायपुर किया जाता है | निलंबन अवधि में नीलकंठ गंगबेर को नियमानुसार जीवन निर्वहन भत्ता दिया जाएगा |

चन्द्रशेखर ध्रुव वनपाल परिक्षेत्र इंदागांव (बफर) अंतर्गत सहायक परिक्षेत्र अधिकारी पीपलखूटा के प्रभार में रहते हुए, अपने प्रभार क्षेत्र के अंतर्गत परिसर पीपलखूटा-ब के, कक्ष कमांक 1204 एवं 1206 में उड़ीसा राज्य के निवासियों द्वारा अतिक्रमण के लिए की गई अवैध कटाई पर नियंत्रण नहीं रखकर समय पर समुचित कार्यवाही नहीं की गई | छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-3 के अंतर्गत घोर लापरवाही के प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये है. उनके विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित किया जाना प्रस्तावित है, अपने पद में बने रहने से उनके द्वारा जांच को प्रभावित किया जा सकता है. इसलिए चन्द्रशेखर ध्रुव वनपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है, निलंबन काल में उनका मुख्यालय कार्यालय संचालक सह वनमण्डलाधिकारी जंगल सफारी रायपुर रहेगा. उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा |

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