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अमर के खत से सियासत गर्म…अमर और शैलेश के बीच खत वॉर….विधायक शैलेश ने जवाब देते हुए कहा- अरपा से खिलवाड़ करने के बाद अब भ्रम फैला रहे है पूर्व मंत्री

अरपा को लेकर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे गए खत से सियासत गर्म हो गई है, विधायक शैलेश पांडेय ने पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल पर हमला बोलते हुए उनके ही स्टाइल में बिंदु वार जवाब देते हुए पूर्व मंत्री पर कई आरोप लगाए है | विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल अपनी नाकामियों को छुपाते हुए पत्र के माध्यम से भ्रम फैला रहे है | पूर्व मंत्री ने बिलासपुर के साथ अन्याय किया है और अरपा के साथ खिलवाड़ किया है |

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर कहा है कि बिलासपुर का नागरिक और बीस वर्षों तक इसका प्रतिनिधित्व करने के नाते इस पत्र के माध्यम से आपको इस परियोजना और इसके उद्देश्यों का बोध कराना मैं अपना कर्तव्य मानता हूँ।
इससे संबंधित कुछ बिंदु निम्नानुसार हैं –

1. यह परियोजना अपने क्रियान्वयन प्रारंभ होने के अंतिम चरण में है। आप सहमत होंगे की बिलासपुर का भविष्य अरपा पर निर्भर करता है इसीलिए इस परियोजना का मूल उद्देश्य अरपा नदी को संरक्षित कर इसमें मिश्रित हो रहे नाले-नालियों के पानी को नदी के तट के समानांतर चैनल के माध्यम से पृथक से उपचारित करना है।

विधायक शैलेश पांडेय ने जवाब देते हुए लिखा है कि अपने पत्र में क्रमवार जो बिंदु उद्धृत किया है उसके बारे में बिंदुवार जवाब प्रस्तुत है

1. यह परियोजना अपने क्रियान्वयन के अंतिम चरण में कभी नहीं रही इस परियोजना में मात्र डीपीआर बनाने का करोड़ों का खेल हुआ है और एक कंपनी के द्वारा एक ऐसा डीपीआर बनाकर दे दिया गया है जो अविश्वसनीय और असंभव था 10 वर्ष पूर्व 2700 करोड़ के इस अविश्वसनीय प्रस्ताव को अमलीजामा 9 वर्षों में नहीं पहुंचाया जा सका है जब स्मार्ट सिटी के लिए प्रस्ताव भेजे जाने थे तब इस प्रस्ताव को स्मार्ट सिटी के प्रस्ताव को बना कर केंद्र शासन को भेजा था लेकिन इस बेसिर पैर के अविश्वसनीय प्रस्ताव को केंद्र शासन ने सिरे से खारिज कर दिया जिससे पहले चरण की दौड़ में बिलासपुर स्मार्ट सिटी की दौड़ से बाहर हो गया था। अरपा साडा परियोजना का उद्देश्य अरपा को संरक्षित नहीं करना था बल्कि अरपा के किनारे 2000 एकड़ की भूमि को बंधक बनाकर उसे व्यवसायिक हितों की पूर्ति करना था और बिलासपुर के भोली-भाली जनता की जमीनों को हथियाना था जिसे माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने अपने बिलासपुर के पहले प्रवास में ही बंधक जमीनों को मुक्त कर दिया था और इस परियोजना के कर्णधारों को गंभीर झटका लगा था। इस परियोजना में अरपा के संरक्षण की बारे में न्यूनतम विचार रखे गए थे और व्यवसायिक लाभ के अधिकतम पर योजनाएं लाई गई थी ।

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल…..
2. इस परियोजना की प्लानिंग में सड़कों का एक ऐसा नेट्वर्क प्रस्तावित है जिससे आने वाले वर्षों में ट्रैफ़िक से संबंधित समस्याओं का स्थाई समाधान हो सकेगा।
विधायक शैलेश पांडेय का जवाब
2. इस परियोजना में सड़कों का कोई भी नेटवर्क प्रस्तावित नहीं था वास्तविकता यह है कि अपने 20 वर्ष के कार्यकाल में माननीय पूर्व मंत्री बिलासपुर में एक भी शहर एक भी नहीं सड़क का निर्माण नहीं करा सके बल्कि व्यवस्थित रूप से बनी सड़कों को सीवरेज के माध्यम से 10 वर्षों तक परेशान करने के बाद एक फेल परियोजना को इस शहर में लाद दिया गया है जिसका कोई भविष्य नहीं है |

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल
3. अरपा-भैंसाझार परियोजना में भी अरपा नदी हेतु २५% तक जल आरक्षण करना का प्रावधान किया गया है जिससे अरपा में १२ महीने जल रहे।
विधायक शैलेश पांडेय का जवाब
3.अरपा भैसाझार परियोजना बिलासपुर के लिए एक अभिशाप होने वाली है जिस बराज को पहले बिलासपुर में बनना था उसे भैसाझार में बना कर के बिलासपुर में अरपा का पानी आने से अवरुद्ध कर दिया गया और जिस 24% जल की बात पूर्व मंत्री कर रहे हैं उनकी जानकारी में शायद यह नहीं है की अरपा भैसाझार परियोजना में मात्र 17 एमसीएम पानी का भंडारण ही हो सकेगा और उसका 24% लगभग 3.6 एमसीएम होगा जबकि बिलासपुर में सालाना 35 एमसीएम पानी की आवश्यकता है इस तरह पूर्व मंत्री का यह बयान भी भ्रम और छलावे से भरा हुआ है।

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल
4. इसके साथ ही बिलासपुर के योजनाबद्ध विकास हेतु इस परियोजना से संबंधित मास्टर प्लान का प्रकाशन भी पूर्ण हो चुका है। इस मास्टर प्लान को सूक्ष्म अध्ययन एवं विस्तृत सर्वे उपरांत बनाया गया है एवं इसमें भविष्य के बिलासपुर की झलक आप देख सकेंगे।

विधायक शैलेश पांडेय का जवाब

4 . इस परियोजना से संबंधित मास्टर प्लान पूरी तरह से भ्रम फैलाने वाला है और बिना किसी सर्वे ,ऑफिस में बैठकर बना दिया गया है इसमें टेम्स नदी ,साबरमती नदी जैसे नदियों का उदाहरण देकर सब्जबाग दिखाने की कोशिश की गई है ।इस परियोजना में रिवर बेड संरक्षण, घाट निर्माण , बैराज, एनीकट की जो परियोजना लाई गई है वह सिर्फ व्यवसायिक हित के लिए है ।और इसमें 400 एकड़ भूमि लैंड रिक्लेमेशन यानी कि अरपा को पाटकर लाया जाना था जिससे कि अरपा के घाट छोटे हो जाते और 400 एकड़ की भूमि को बिल्डरों को दे दिया जाता 1. माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा जो भूमि को मुक्त किया गया है उससे पूरे शहर वासी खुश है क्योंकि इसके पूर्व में किसी भी व्यक्तियों को अरपा साडा से अनापत्ति नहीं दी जाती थी और लोगों को अपनी जमीन बेचने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ता था। इस परियोजना को 2012 में ही कंसलटेंट के द्वारा बना कर दे दिया गया था परंतु उसके बाद भी 6 वर्षों तक आपके द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया सिर्फ बिलासपुर की जनता का भय दोहन किया गया। इस परियोजना के माध्यम से आप हजारों परिवारों को बेघर कर उनकी पुश्तैनी जमीन और उनके पुश्तैनी मकानों को अपने चहेते बिल्डरों को देना चाहते थे जिस अकल्पनीय परियोजना के लिए शासन के पास धन ही ना हो तो ऐसी परियोजना को बंद किया जाना ही उचित है ना कि लोगों की जमीनों को निजी हाथों में सौंप देना। यह हकीकत है कि इस परियोजना से ना केवल लोगों की झुग्गी झोपड़ी टूटती बल्कि लोगों के 5 मंजिल पक्के मकान भी टूट जाते जिससे पूरे बिलासपुर वासी अरपा के किनारे 200 मीटर तक के लोग 9 वर्षों तक भयभीत हो कर अपना जीवन यापन करते रहे हैं। इस परियोजना की कोई भी प्रशासकीय प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है और ना ही कोई डीपीआर बनाया गया है यदि ऐसा था तो इस पर योजना ली एसोसिएट्स के द्वारा 2012 में ही बना कर दे दिया गया था और उसके बाद 6 वर्षों तक माननीय पूर्व मंत्री क्यों सोए हुए पड़े थे उन्होंने इस कार्य को प्रारम्भ क्यों नहीं करवाया ।

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल
5. इस परियोजना में रिवर बेड संरक्षण, एम्बैंक्मेंट, घाट निर्माण, बैराज, अनिकट, सिटी पार्क, संग्रहालय, 90 फ़ुट सड़कों आदि समस्त ऐसे बिंदुओं का समावेश किया गया है जो बिलासपुर के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।

विधायक शैलेश पांडेय का जवाब
5. माननीय मंत्री जी यह बताएं की किन वरिष्ठ नागरिकों से उन्होंनेअरपा के बारे में चर्चा की है जबकि मानवीय पूर्व मंत्री का शहर की जनता से कभी कोई संपर्क रहा ही नहीं।

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल
6. मुझे बिलासपुर के वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि शासन की मंशा है कि इस परियोजना को बीडीए को पुनर्जीवित कर सौंपा जाएगा परंतु ऐसा करने से इस परियोजना का क्रियान्वयन और कठिन हो जाएगा।

विधायक शैलेश पांडेय का जवाब
6 . माननीय मंत्री जी यह बताएं की किन वरिष्ठ नागरिकों से उन्होंनेअरपा के बारे में चर्चा की है जबकि मानवीय पूर्व मंत्री का शहर की जनता से कभी कोई संपर्क रहा ही नहीं।

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल

7. आप इस तथ्य से ज़रूर सहमत होंगे कि मंथन सभाकक्ष में कलेक्टर द्वारा बैठक लिए जाने से अरपा संरक्षित नहीं हो पाएगी। मुझे महसूस होता है कि नागरिकों में उक्त परियोजना को लेकर कई भ्रांतियां फैलाई गई हैं इसलिए उक्त पत्र आपको भेजने के साथ सार्वजनिक करना भी उचित प्रतीत होता है।

विधायक शैलेश पांडेय का जवाब

मंथन सभाकक्ष में यदि कोई समाधान नहीं निकलता है तो माननीय पूर्व मंत्री लगातार वर्षों तक मंथन सभागृह में क्या कर रहे थे और वहां क्यों मीटिंग लिया करते थे।

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