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“अडानी की कंपनी” के विरोध में आदिवासियों का हल्लाबोल….दंतेवाड़ा में हजारों की संख्या में कर रहे विरोध प्रदर्शन, NMDC में उत्पादन ठप्प….भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

जल, जंगल, जमीन के लिए सालों से लड़ाई लड़ रहे है आदिवासी समाज ने अब अपनी इष्ट देव पहाड़ी पहाड़ को बचाने के लिए अडानी की कंपनी को एनएमडीसी के 13 नंबर लोह अस्यक खदान देने के विरोध में हल्ला बोल दिया है, हजारों के तादाद में आदिवासियों ने एनएमडीसी के चेकपोस्ट को घेर लिया और वहां धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है | वही इस विरोध प्रदर्शन का सभी राजनीतिक पार्टी, सामाजिक कार्यकर्ता के अलावा नक्सलियों ने भी अपना समर्थन दिया है |

बता दें कि नंदाराज पहाड़ को बचाने के लिए कल गुरुवार से ही हजारों की संख्या में आदिवासी अपने जंगल और घरों को छोड़कर यहां पहुंच रहे हैं, महिलाओं बच्चों के साथ ही अनिश्चित कालीन प्रदर्शन के लिए ये राशन समेत यहां पहुंचे हैं, एनएमडीसी के गेट के सामने की जगह अब इनका ठौर-ठिकाना बन गई है, और यह विरोध जब तक जारी रहेगा जब तक की डिपोजिट नंबर 13 का दिया गया ठेका सरकार रद्द नहीं कर देती |

वही जब तक अडानी को दिए गए ये ठेका रद्द नहीं हो जाता तब तक आदिवासी समाज का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा, जरुरत पड़ने पर वे बड़ी आंदोलन करने के साथ ही रेल और बस का पहिया भी रोक देंगे |

राजनीतिक दलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं का मिला समर्थन
आदिवासी समाज इससे पहले छोटे-छोटे धरना प्रदर्शन करते आ रहे है, लेकिन आज इस विरोध प्रदर्शन ने एक बड़ा आंदोलन का रूप ले लिया है. वही आदिवासियों के इस आंदोलन को समर्थन देने कांग्रेस, जनता जोगी ,आप पार्टी ,सीपीआई पार्टी, सर्व आदिवासी समाज,समाज सेवी सोनी सोढ़ी नन्दलाल गुलामी, अवधेश गौतम, विमल सुराना के साथ तमाम जनप्रतिनिधि भी यहां मौजूद हैं, सभी प्रदर्शन को अपना समर्थन दे रहे है |

नक्सलियों ने पर्चा फेक कर दिया समर्थन
आदिवासी विरोध प्रदर्शन को नक्सलियों ने अपना समर्थन दिया है, बताया जा रहा है कि नक्सलियों के दरभा डिवीजन कमेटी ने पर्चा फेककर अपना समर्थन दिया है |

भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
आदिवासियों के इस महाधरना प्रदर्शन में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है, इस पुरे इलाके को ड्रोन से मॉनिटरिंग किया जा रहा है, इस प्रदर्शन को नक्सलियों का समर्थन मिलने के बाद यहां करीब 400 की संख्या में जवान एवं महिला कमांडो तैनात कर दिए गए है |

उद्योग मंत्री और सांसद आए सामने
अडानी को दिए गए ठेके का शुरू से विरोध कर रहे उद्योग मंत्री
वरिष्ठ आदिवासी नेता लखमा ने अडानी का खुलकर विरोध किया है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों और बस्तर के हक में नहीं है अडानी को माइन्स देना, वही इस आंदोलन को सांसद दीपक बैज का साथ मिल गया है,सांसद दीपक बैज ने कहा- कि मैं ग्रामीणों के इस आंदोलन में उनके साथ हूं, और जब तक ये ठेका रद्द नहीं हो जाती तब तक इस लड़ाई में मै शामिल हूं|

बताया जा रहा है कि अडानी ग्रुप ने सितंबर 2018 को बैलाडीला आयरन ओर माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड यानी बीआईओएमपीएल नाम की कंपनी बनाई और दिसंबर 2018 को केन्द्र सरकार ने इस कंपनी को बैलाडीला में खनन के लिए 25 साल के लिए लीज दे दी |

बैलाडीला के डिपॉजिट 13 में 315.813 हेक्टेयर रकबे में लौह अयस्क खनन के लिए वन विभाग ने वर्ष 2015 में पर्यावरण क्लियरेंस दिया है, जिस पर एनएमडीसी और राज्य सरकार की सीएमडीसी को संयुक्त रूप से उत्खनन करना था, इसके लिए राज्य व केंद्र सरकार के बीच हुए करार के तहत संयुक्त उपक्रम एनसीएल का गठन किया गया था |

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