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….जब DFO को मिला अंधविश्वास से भरा संदेश ! DFO कार्यालय ने सभी SDO और रेंजर्स को जारी किया पत्र – साईंबाबा का यह संदेश फॉरवर्ड करने से मिलता है प्रमोशन, जानिए फिर क्या हुआ

बिना देखे या पढ़े किसी कागज पर साइन करना घातक हो सकता है, साथ ही यह उपाहास का विषय भी बन सकता है, ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के दतिया जिले में सामने आया है | दतिया जिले के जिला वनमंडलाधिकारी यानि डीएफओ कार्यालय से दो दिन पहले सभी एसडीओ और रेंजर्स को एक पत्र जारी किया गया था, यह पत्र प्रशासनिक हल्कों में चर्चा और चटखारों का विषय बन गया है, दरअसल, इस पत्र में अंधविश्वास से भरा संदेश लिखा हुआ था और गलती से डीएफओ ने उसपर हस्ताक्षर कर दिए |

दरअसल, 22 अगस्त को डीएफओ के ऑफिस में बंद लिफाफे में एक पत्र आया, इस पत्र में लिखा था कि “ये SMS सबको जरूर भेजना…. एक औरत ने बहुत बीमारी की हालत में सपना देखा कि साईंबाबा उसे पानी पिला रहे हैं, सुबह जब वह औरत जागी तब वह ठीक हो चुकी थी और उसके पास एक टुकड़ा पड़ा था, जिसपर लिखा था…. Sai baba is the living God in the world.. उसने लोगों को बताया.. एक ऑफिसर ने ये SMS लोगों को भेजा तो उसे प्रमोशन मिल गया | एक आदमी ने डिलीट कर दिया तो उसने अपना सब कुछ 13 दिनों में खो दिया, ये SMS आप 13 लोगों को भेज कर देखें |

ये कागज डीएफओ प्रियांशी राठौर तक पहुंचा और उन्होंने बिना देखे ही इस पर रिसीविंग हस्ताक्षर भी कर दिया, इसके बाद ऑफिस के क्लर्क बालकृष्ण पांडे ने भी इस पत्र पर बिना देखे ही वनमंडलाधिकारी की सील लगाकर इसे सभी एसडीओ, रेंजरों और अन्य संबंधित लोगों को जारी कर दिया |
जब ये पत्र विभाग के अधिकारियों तक पहुंचा तो वे उन्हें अचंभा हुआ और ये बात डीएफओ प्रियांशी राठौर तक पहुंची, डीएफओ को गफलत का अहसास हुआ और उन्होंने 27 अगस्त को एक और पत्र जारी कर पहले भेजे हुए पत्र को निरस्त मानने के लिए लिखा |
डीएफओ प्रियांशी राठौर का कहना है कि “कार्यालय में आने वाले हर पत्र पर हमें रिसीविंग देनी होती है, इसी क्रम में इस कागज पर भी हस्ताक्षर हो गए, हालांकि हस्ताक्षर के बाद मैंने लिपिक पांडे से इसे अलग करने के लिए बोल दिया था, लेकिन पांडे ने इसे जारी कर दिया |

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