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कलेक्टर नरेंद्र कुमार दुग्गा कार के शीशों में लगी है काली फिल्म, एसपी ने कहा- ‘हटवा देंगे’

जब नियम बनाने वाले ही नियम के विपरीत दिशा में चले. तो फिर आम लोगों से नियम में रहने की कल्पना करना भी उचित नहीं है. मामला जिले के कलेक्टर के उस वाहन से जुड़ा है. जिसका उपयोग वो दफ्तर आने जाने के लिए करते हैं. कलेक्टर साहब के वाहन में जो विंडो ग्लास हैं. इसमें

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति काली फिल्म वाले वाहन का उपयोग नहीं कर सकता है. ये कानूनन गलत है, लेकिन कलेक्टर तो कलेक्टर ठहरे. उनको कानून का पाठ कौन पढ़ाएगा. एमसीबी जिले के नए कलेक्टर नरेंद्र कुमार दुग्गा () ने पदभार ग्रहण किया है. उनके पास आफिस जाने के लिए जो कार है. कार में फ्रंट और बैक साइड के विंडो ग्लास के साथ कुल 6 ग्लास हैं.

कलेक्टर नरेंद्र कुमार दुग्गा तोड़ रहे कानून
इसमें सामने के ग्लास को छोड़ दिया जाए, तो उनकी पूरी कार के ग्लास मे ब्लैक फिल्म चढ़ा हुआ है. जो केवल यातायात नियमों के खिलाफ नहीं है. बल्कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का भी खुला उल्लंघन है. मतलब जब कलेक्टर ही देश में बने नियम कायदों और कानून का उल्लंघन करेंगे, तो ऐसे में आम वाहन चालकों से इस कानून और नियम का पालन करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. 

नियम के अनुसार
नियमों की बात करें तो केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के नियम 100 के तहत किसी भी चारपहिया या दो से अधिक पहियों के वाहनों के साईड विंडो के ग्लास 50 फीसदी ट्रांसपैरेंट होने चाहिए. वहीं आगे और पीछे के ग्लास 70 फीसदी पारदर्शी होने चाहिए.  1989 के नियम 2 के मुताबिक वाहनों के ग्लास मे लगी काली फिल्म निकालने का प्रावधान है. इसके साथ ही मोटर वाहन अधिनियम 1989 की धारा 177, 179 में ये स्पष्ट है कि काली फिल्म लगाकर घूमने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाई की जा सकती है. 

अपराध के लिए होता है उपयोग
काली फिल्म लगाकर घूमने वाले वाहन हमेशा संदेह के दायरे में रहते हैं. आम तौर ये देखा जाता है कि काली फfल्म लगे वाहनों में असमाजिक काम होते हैं. चाहे ऐसे वाहन हत्या लूट पाट और बलात्कार जैसे कुकर्मो के लिए उपयोग किए जाते रहे हो. या फिर अपराध करने के बाद पहचान छिपाने के लिए ऐसे वाहनों का उपयोग किया जाता रहा है. यही वजह थी केन्द्रीय यातायात नियम 1989 में काले फिल्म लगे वाहनों में प्रतिबंध के लिए कई नियम कायदे बनाए गए. पर आलम ये है कि पुलिस और यातायात पुलिस के ढुलमुल रवैये के कारण आज भी काली फिल्म लगे वाहन सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ते मिलते हैं.

एमसीबी जिले के पुलिस अधीक्षक तिलक राम कोशिमा जी से जब एबीपी न्यूज ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि नियम कायदे सब के लिए एक जैसे हैं. उनके वाहन में काली फिल्म लगी है, तो उसको हटवाया जाएगा.

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