क्या है महिला IAS और IPS की लड़ाई…सोशल मीडिया पर ‘कैटफाइट’, सुप्रीम कोर्ट को देना पड़ा ये आदेश….जानें इस झगड़े की कहानी
इसी के साथ आईपीएस डी रूपा ने दावा किया था उनकी तस्वीरें आईएएस रोहिणी ने खुद अपने फोन से तीन पुरुष आईपीएस अधिकारियों को भेजी थी. दोनों पक्षों में उठे विवाद के क्रम में आईएएस रोहिणी ने डी रुपा के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि आईपीएस डी रूपा नसे उगाही करना चाहती हैं. इसलिए उनके निजी, सामाजिक और प्रोफेशनल लाइफ को बर्बाद करने की नीयत से इन हरकतों को अंजाम दिया है.
इसी के साथ उन्होंने आईपीएस डी रूपा से एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी मांगा था. कोर्ट ने आईएएस रोहिणी की अर्जी स्वीकार करते हुए जैसे ही आईपीएस डी रूपा को समन भेजा, डी रूपा भी उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए अपने खिलाफ दर्ज क्रिमिनल मानहानि के केस को खारिज करने की मांग की. इसी के साथ उन्होंने आईएस रोहिणी के खिलाफ एक्शन के लिए भी गुहार लगाई. इसी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बहस हुई थी.
मीडिया से बात करने पर रोक
दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों अफसरों को फटकार लगाई है. कहा कि उन्हें आपसी रजामंदी से मामले को निपटा लेना चाहिए. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस डी रूपा को अपने सभी सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट करने को कहा है. इतना करने के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दाखिल करने को कहा है. दोनों अधिकारियों को नसीहत दी गई है कि मामला कोर्ट में लंबित है और जब तक इसका निपटरा नहीं हो जाता, वह मीडिया में किसी तरह का इंटरव्यू ना दें.
अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी. कोर्ट ने कहा कि अब मामले की सुनवाई मेरिट पर होगी. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद आईपीएस रूपा ने अपनी ओर से सभी पोस्ट डिलीट करते हुए कोर्ट में हलफनामा पेश कर दिया है. वहीं कोर्ट ने भी इसे रेकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि मामले का निस्तारण जल्द से जल्द करने का प्रयास किया जाएगा.