लाइफस्टाइल

PCOS : पीसीओएस में महिलाओं को हो सकता है हार्ट अटैक, रिसर्च में खुलासा

PCOS :  पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. पीसीओएस की बीमारी का सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस होता है. अगर आप पीसीओएस के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो आपको अपनी डाइट और लाइफस्टाइल एकदम ठीक करें. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) प्रजनन आयु की महिलाओं को प्रभावित करने वाला एक सामान्य हार्मोनल विकार है. जिसकी विशेषता अनियमित मासिक धर्म चक्र, अतिरिक्त एण्ड्रोजन स्तर और पॉलीसिस्टिक अंडाशय हैं।

पीसीओएस की बीमारी के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ी रही है
भारत में पीसीओएस के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. जैसे 3.7% से 22.5% तक है. जबकि प्रजनन संबंधी प्रभावों पर अक्सर अधिक ध्यान दिया जाता है।

हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव भी महत्वपूर्ण है. पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को इम्युनिटी कमजोर हो जाती है. हाई बीपी, डिस्लिपिडेमिया और मोटापे के कारण दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. बाद के चरणों में पीसीओएस की जटिलताओं से हृदय रोग और एंडोमेट्रियल कैंसर हो सकता है. ये कारक सामूहिक रूप से हृदय रोग (सीवीडी) के विकास के जोखिम को बढ़ाते हैं. जिससे पीसीओएस प्रबंधन में हृदय स्वास्थ्य एक आवश्यक विचार बन जाता है।

Underweight health problem: मोटापा ही नहीं ज्यादा पतला होना भी है बेहद खतरनाक, हो सकता है ये भयंकर बीमारी

PCOS :  पीसीओएस और दिल से जुड़ी बीमारी का कनेक्शन
इंसुलिन प्रतिरोध, जो पीसीओएस की एक पहचान है. अक्सर टाइप 2 मधुमेह और पुरानी सूजन का कारण बनता है. जो हृदय रोग के लिए प्रमुख योगदानकर्ता हैं. पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को डिस्लिपिडेमिया, उच्च रक्तचाप, ग्लूकोज असहिष्णुता और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसे कार्डियोमेटाबोलिक मुद्दों का भी सामना करना पड़ता है।

जो हृदय संबंधी जोखिम को काफी हद तक बढ़ा देते हैं. मेटाबोलिक सिंड्रोम, जिसमें पेट का मोटापा, उच्च रक्त शर्करा और असामान्य कोलेस्ट्रॉल होता है, इस जोखिम को और बढ़ा देता है. अध्ययनों से पता चलता है कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में अक्सर सीवीडी के सबक्लिनिकल मार्कर दिखाई देते हैं. जो इन जोखिमों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए शुरुआती हस्तक्षेप और नियमित हृदय संबंधी निगरानी की आवश्यकता पर बल देते हैं।

PCOS से पीड़ित महिलाएं CVD के जोखिम को रोक सकती हैं. लाइफस्टाइल में कुछ खास बदलाव करके वह इस बीमारी को हद तक कंट्रोल कर सकते हैं. एक्ससाइज के जरिए आप हाई बीपी, शरीर की चर्बी को कंट्रोल कर सकते हैं. वजन को कंट्रोल में करके ही कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रख सकते हैं. कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना है तो साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, हेल्दी फैट को अपनी डाइट में शामिल करें. इसके कारण हार्मोनल इंबैलेंस और हार्ट से जुड़ी बीमारी का खतरा बढता है।

Healthy Heart Tips: जानिए कितना हेल्दी है आपका हार्ट, ऐसे करें खुद से चेक

हार्ट हेल्थ को प्रभावित करता है पीसीओडी
शोधकर्ताओं ने 60 हजार से ज्यादा महिलाओं पर अध्ययन किया। इनमें से 6149 महिलाओं को पीसीओएस की समस्या थी। नौ साल इनकी निगरानी करने के बाद 4.8 फीसदी महिलाओं में हृदयरोग पनपे। शोध में पाया गया कि पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं में हृदयरोगों का जोखिम अन्य महिलाओं की तुलना में 19 फीसदी ज्यादा होता है।

Back to top button
casibomcasibomjojobet girişHOLİGANBETjojobetCasibomCasibom Girişcasibomjojobet girişcasibomjojobetholiganbet girişCasibomizmir escortholiganbet girişcasibom girişcasibom giriş
close