छत्तीसगढ़ खबरें
Trending

OP Choudhary News : साय सरकार की बड़ी कार्रवाई, मंत्री OP चौधरी ने निरस्त किया पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर से जुड़ी कंपनी के 218 करोड़ का टेंडर, जानिए क्या है वजह

रायपुर। भाजपा सरकार बनने के बाद अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी में नया रायपुर में 218 करोड़ रुपए का काम निरस्त कर दिया गया है। आवास एवं पर्यावरण मंत्री OP चौधरी ने कहा, कि रायपुर कंस्ट्रक्शन के 218 करोड़ रुपए का काम निरस्त किया गया है। कंपनी पूर्व मंत्री अकबर के परिवार से जुड़ा हुआ है। आवास एवं पर्यावरण मंत्री OP चौधरी ने कहा, कि रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी विलंब और गुणवत्ताहीन काम कर रही थी, जिसे कांग्रेस सरकार एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन दे रही थी। लेकिन, अब हमारी सरकार में गुणवत्ताहीन काम बर्दाश्त नहीं होगा।

इसे भी पढ़ें : CM हाउस पहुंचे ईडी अधिकारी : जमीन घोटाले में मुख्यमंत्री से होगी पूछताछ, अफसरों की टीम सुरक्षा घेरे में पहुंची मुख्यमंत्री आवास, मचा हड़कंप

दरअसल रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी को निर्माण कार्य से जुड़े 10 टेंडरों का कांट्रेक्ट मिला था। ये कंपनी नया रायपुर सहित अन्य जगहों पर काम कर रही थी। इस कंपनी पर गुणवत्ताहीन कामों के अलावे, नियत समय पर काम पूरा नहीं करने और ओवर बजट टेंडर के भी आरोप था। मंत्री ओपी चौधरी ने इस मामले में इंटर्नल टीम से जांच करायी थी।

इसे भी पढ़ें : CG TRANSFER BREAKING : आबकारी विभाग में थोक में तबादले, कई जिलों के बदले गए आबकारी अधिकारी, देखें पूरी लिस्ट…

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र का विकास करने की प्लानिंग बनाई राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने विभागीय अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें जनहितों के कार्यों में लेटलतीफी करने के लिए 218 करोड़ रुपये के 10 निर्माण कार्यों का पुराने ठेकेदार से अनुबंध निरस्त कर दिया गया।

इसे भी पढ़ें : RRB ALP Recruitment 2024: असिस्टेंट लोको पायलट के हजारों पद पर रेलवे ने निकाली वैकेंसी, इस दिन से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया

ओपी चौधरी ने कहा कि गुणवत्ताहीन कार्य करने वाले ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई व अनुबंध समाप्त किया जायेगा। सभी परियोजनाएं समय-सीमा में पूरी हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जायेगा। मंत्री ने कहा कि सभी परियोजनाएं समय-सीमा में पूरी हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि बार-बार नोटिस देने के बाद भी कई ठेकेदारों की स्थिति नहीं सुधरी। वहीं, स्मार्ट सिटी के ज्यादातर काम गिने-चुने ठेकेदार ही कर रहे हैं। गुणवत्ता प्रभावित होने के साथ-साथ कार्यों में गति भी नहीं आ रही थी।

Back to top button
close