New Criminal Laws: नए आपराधिक कानून के तहत दिल्ली और रायपुर में पहली FIR मामला दर्ज, आज से तीनों लॉ लागू
New Criminal Laws. देश भर में 1 जुलाई से लागू होने वाले नया कानून नियम के तहत दिल्ली में और राजधानी रायपुर में आज पहली एफआईआर दर्ज हुई है, पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के तहत सड़क पर रेहड़ी लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की है,
New Criminal Laws. मिली जानकरी के अनुसार देर रात पेट्रोलिंग कर रही पुलिस की टीम ने देखा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास एक शख्स ने बीच सड़क पर रेहड़ी लगाई हुई है. वह उस पर पानी और गुटखा बेच रहा है. इस वजह से लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है. इसके बाद पुलिस ने इस शख्स के खिलाफ बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज की है, यह इस कानून के तहत दर्ज की गई पहली एफआईआर है,
सड़क पर रेहड़ी लगाकर बिक्री करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने कई बार वहां से हटने को कहा था , इसके बावजूद भी वो व्यक्ति सड़क पर रेहड़ी लगाता था, सड़क पर रेहड़ी लगाने से आने जाने वाले लोगो को दिक्क्त होता था, हालांकि, वह पुलिसकर्मियों की बात को नजरअंदाज करता रहा और उसे मानने से इनकार कर दिया. उसने अपनी मजबूरी बताई और वहां से चला गया. इसके बाद पुलिस ने उसका नाम-पता पूछकर नए कानून बीएनएस की धारा 285 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह इस कानून के तहत दर्ज की गई पहली एफआईआर है.
अपराध IPC (पहले) BNS (अब)
हत्या 302 103
हत्या की कोशिश 307 109
गैर इरादतन हत्या 304 105
लापरवाही से मौत 304A 106
रेप और गैंगरेप 375, 376 63, 64, 70
देश के खिलाफ युद्ध 121, 121A 147, 148
मानहानि 499, 500 356
छेड़छाड़ 354 74
दहेज हत्या 304B 80
दहेज प्रताड़ना 498A 85
चोरी 379 303
लूट 392 309
डकैती 395 310
देशद्रोह 124 152
धोखाधड़ी या ठगी 420 318
मानहानि 499, 500 356
गैर कानूनी सभा 144 187
राजधानी रायपुर में भी एफआईआर दर्ज
राजधानी रायपुर में नया कानून नियम के तहत पहला एफआईआर दर्ज किया गया है, भारतीय न्याय संहिता रायपुर के थाना मंदिर हसौद में प्रार्थी नोहर दास रात्रे की रिपोर्ट पर अनावेदक अमित सिंह राजपूत के विरुद्ध अपराध क्रमांक 495/24 गाली गलौच और जान से मारने की धमकी, धारा 296, 351(2) भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है. पहले यह 294, 506 आइपीसी के तहत दर्ज होता था,
बता दें कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से देशभर में लागू हो गए हैं. इन्हें तीन नए आपराधिक कानूनों के तौर पर जाना जा रहा है. इन कानूनों ने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है. भारतीय दंड संहिता 163 साल पुराना कानून था, जिसकी जगह अब बीएनएस ने ले ली है. बीएनएस में धोखाधड़ी से लेकर संगठित अपराध के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है.