One Nation One Election: One Nation One Election को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, शीतकालीन सत्र में पेश होगा बिल

One Nation One Election: वन नेशन-वन इलेक्शन यानी एक देश-एक चुनाव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय कैबिनेट ने एक देश-एक चुनाव पर पेश की गई रिपोर्ट पर बुधवार (18 सितंबर) को मुहर लगा दी. केंद्रीय कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए मोदी सरकार के मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में वन नेशन-वन इलेक्शन पर बिल पेश किया जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मार्च के महीने में कैबिनेट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की थी. मोदी 3.0 के 100 दिनों के एजेंडा में वन नेशन-वन इलेक्शन की रिपोर्ट को कैबिनेट के सामने रखना भी शामिल था।
एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा के चुनाव
कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में पूरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की सिफारिश की गई है. इसके साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने के 100 दिनों के भीतर ही निकाय चुनाव कराए जाने की भी वकालत की गई है।
32 दलों ने किया एक देश-एक चुनाव का समर्थन
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने एक देश-एक चुनाव पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए 62 सियासी दलों से राय ली थी. इन राजनीतिक दलों में से 32 ने समर्थन, 15 ने विरोध और 15 ने इस पर जवाब देने से इनकार कर दिया था।
समर्थन करने वाले दलों में बीजेपी, जेडीू, एलजेपी (आर) जैसे दल शामिल हैं. वहीं, इसके विरोध में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत 15 दल शामिल हैं. वहीं, मोदी 3.0 में शामिल चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।
अमित शाह ने पहले ही कर दिया था ऐलान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 17 सितंबर को ही कहा था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही वन नेशन-वन इलेक्शन को लागू करेगी. इससे पहले बीते स्वतंंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक देश-एक चुनाव की जोरदार वकालत की थी।
One Nation One Election: पीएम मोदी से लेकर एनडीए के दलों तक ने की वकालत
पीएम मोदी ने कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है. देश को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए आगे आना होगा. गौरतलब है कि वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे को बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी जगह दी है. बीजेपी के साथ ही एनडीए में शामिल कई घटक दल भी इसके समर्थन में हैं।
केंद्रीय कैबिनेट की ओर से मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस फैसले पर विरोध जताया है. मल्लिकार्जुन खरगे ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये प्रैक्टिकल नहीं है और ये चलने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि ये वर्तमान मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए फैसला किया गया है।
आसान नहीं एक देश-एक चुनाव की राह
वन नेशन-वन इलेक्शन पर केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन करने पड़ेंगे, जिसके लिए इसे संसद में बिल के तौर पर पेश करना होगा. इसके बाद केंद्र सरकार को लोकसभा और राज्यसभा से इसे पास कराना होगा. इतना ही नहीं, संसद से पास होने के बाद इस बिल को 15 राज्यों की विधानसभा से भी पास कराना होगा. ये सब होने के बाद राष्ट्रपति इस बिल पर मुहर लगाएंगे।