द बाबूस न्यूज़

मिलिए छत्तीसगढ़ की पहली महिला IPS अधिकारी अंकिता शर्मा से, जिनके नाम से ही थर-थर कांपते हैं नक्सली….रवीना टंडन कर चुकी हैं तारीफ

यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षा होती है। IPS अंकिता शर्मा ने इसे तीसरे प्रयास में पास किया, वो भी परीक्षा से सिर्फ कुछ ही महीने पहले तैयारी करके.... जानें इस लेडी दबंग की कहानी।

हर साल, लाखों उम्मीदवार कड़ी मेहनत और दृण इच्छा से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। देश के कई सफल आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से उम्मीदवार परीक्षा की तैयारी के दौरान प्रेरणा भी लेते हैं। हम आज आपको आईपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा की सफलता की कहानी बताएंगे, जो हर उम्मीदवार को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने में प्रेरणा देती है। आईपीएस अंकिता शर्मा ने भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास करके आईपीएस अधिकारी का पद प्राप्त किया।

नक्सल ऑपरेशन की कमान

25 जून 1990 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में जन्मी अंकिता। उनके पिता राकेश शर्मा एक बिजनेसमैन हैं और उनकी मां सविता शर्मा घरेलू काम करती हैं। तीन भाई-बहनों में वह सबसे छोटी है। अंकिता बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी रही हैं। उन्हें सरकारी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा दी गई है। अंकिता ने बाद में अपने घर से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और एमबीए की पढ़ाई भी की।

सेल्फ स्टडी के जरिए क्रैक की परीक्षा 
इसके बाद वह यूपीएससी की पढ़ाई के लिए अंकिता दिल्ली चली गईं, हालांकि, वह वहां केवल 6 महीने ही रहीं और फिर घर वापस आकर वह खुद परीक्षा की तैयारी करने लगी. साल 2018 में अंकिता शर्मा ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर डाली. उन्होंने ऑल इंडिया 203 रैंक हासिल की थी.

तीसरे प्रयास में बनी आईपीएस

नक्सल ऑपरेशन की संभाली जिम्मोदारी
इसके परिणामस्वरूप अंकिता होम कैडर प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस हैं. मई 2022 से वह खैरागढ़ की एसपी थीं. वहीं, नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में अंकिता शर्मा नक्सल ऑपरेशन की इंचार्ज थीं. वह पहले रायपुर की राजधानी आजाद चौक के पड़ोस में मुख्य पुलिस अधीक्षक (CSP) के रूप में कार्यरत थीं.

पति सेना में, तैयारी के दौरान हो गई शादी

इनसे प्रेरित होकर बनी IPS
अंकिता शर्मा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह हमेशा से आईपीएस बनना चाहती थीं, लेकिन उन्हें इस फील्ड की कोई नॉलेज नहीं थी और उनकी मदद करने वाला भी कोई नहीं था. इसके चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि, अंकिता शर्मा पर आईपीएस किरण बेदी (IPS Kiran Bedi) का खासा प्रभाव रहा था. बचपन से ही अंकिता शर्मा किरण बेदी की तरह बनना चाहती थीं.

संभाली परेड की कमान

अंकिता के पति मेजर हैं

अंकिता शर्मा के पति विवेकानंद शुक्ला मेजर हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद और झांसी में अपने पति के साथ रहना पड़ा। लेकिन उन्होंने आगे कहा कि उनके पति का उनकी सफलता में विशेष योगदान है।

रवीना टंडन ने बताया असली हीरोइन

रवीना टंडन ने बताया असली हीरोइन

कुछ दिन पहले एक सोशल मीडिया यूजर ने अंकिता शर्मा की फोटोज शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘बस्तर में पहली बार नक्सल ऑपरेशन की कमान महिला आईपीएस के हाथों में है।’ इस ट्वीट को रवीना टंडन ने रीट्वीट करते हुए उनकी तारीफ की थी। इसके लिए अंकिता शर्मा ने उन्हें धन्यवाद कहा था।

अधिकारी के साथ टीचर भी

अधिकारी के साथ टीचर भी

खुद की परेशनियों से सीख लेकर अंकिता उन युवाओं की मदद करती हैं जो जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं। पूरे सप्ताह पुलिस की ड्यूटी निभाने के बाद वे रविवार को एक टीचर बन जाती हैं। वे अपने ऑफिस में करीब 20-25 युवाओं को पढ़ाती हैं, जो लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

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