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किसान आंदोलन के दौरान हुए कई हत्याएं और बलात्कार, कंगना के इस बयान पर मच गया बवाल, संयुक्त किसान मोर्चा ने दिया अल्टीमेटम

बीजेपी सांसद कंगना रनौत के किसानों को लेकर दिए बयान पर जमकर विरोध हो रहा है, कांग्रेस ने खुलकर इस मुद्दे पर बीजेपी और कंगना रनौत को घेरा है, वही मामला बढ़ता देख भाजपा के केंद्रीय मीडिया विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी और मंडी की सांसद को हिदायत दी कि वो भविष्य में इस तरह के कोई बयान देने से मना किया है।

बता दें कि बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर टिप्पणी करते हुए दावा किया था कि आंदोलन के दौरान कई हत्याएं हुईं और बलात्कार हुए थे, अखबार को दिए साक्षात्कार में कंगना ने किसानों और उनके द्वारा किए गए आंदोलन को लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिए. उन्होंने कहा कि तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों को वापस ले लिया गया, नहीं तो ‘इन उपद्रवियों’ की बहुत लंबी योजना थी और वे देश में कुछ भी कर सकते थे।

रनौत ने ये भी कहा था कि अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता, तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता.
कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर टिप्पणी करते हुए ये भी दावा किया कि किसान आंदोलन के दौरान कई हत्याएं हुईं और बलात्कार हुए।

बीजेपी ने जारी की बयान
बीजेपी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है. भाजपा कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है. पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत है।

इसके साथ ही भाजपा की ओर से कंगना रनौत को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें।

किसानों से बिना शर्त माफी मांगें कंगना रनौत: SKM
एसकेएम ने भाजपा सांसद कंगना रनौत को अपने अनुचित और गलत बयानों के लिए भारत के किसानों से बिना शर्त माफी मांगने और अपने पद की गरिमा बनाए रखने की नसीहत दी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि कंगना के ऐसा न करने पर हमारे पास उनके सार्वजनिक बहिष्कार का आह्वान करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. बता दें कि मंडी सांसद ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, ‘किसानों के विरोध प्रदर्शन के नाम पर बांग्लादेश जैसी अराजकता भारत में भी हो सकती थी. बाहरी ताकतें अंदरूनी लोगों की मदद से हमें नष्ट करने की योजना बना रही हैं. यदि हमारे नेतृत्व ने दूरदर्शिता नहीं दिखायी होती, तो विदेशी ताकतें अपनी योजना में सफल हो गई होतीं. किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा भड़काई जा रही थी, वहां बलात्कार और हत्याएं हो रही थीं. हमने शवों को लटकते देखा।

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