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International Yoga Day, डायबिटीज से लेकर अस्थमा तक से निजात दिला सकता है योग,

हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योग दिवस मनाया जाता है, पर योग एक दिन करने विशेष के लिए नहीं होता है, बल्कि योग को तो अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए योगासन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं, चिकित्सा अनुसंधान से पता चला है कि योग शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। योग तनाव से राहत देता है ,बेहतर नींद लाता है , भूख और पाचन को बढ़ाने के साथ दिमाग को शांत भी रखता है , इसके साथ ही योग करने से शरीर को कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है,

.योग करने से कई तरह की बीमारियां भी दूर हो सकता है

1. मोटापा
जिनको वजन कम करना है, वो अगर नियमित योग करता है तो उनका वजन कम हो सकता है। जो लोग जिम में जाकर हेवी वजन नहीं उठा सकते उनके लिए योग केएक बेहतर विकल्प है, मोटापा दूर करने के लिए सबसे कारगर आसनों में ताड़ासन, त्रिकोणासन, पादहस्तासन और पार्श्वकोणासन माने जाते हैं.

2. डायबिटीज
डायबिटीज को कंट्रोल करने में काफी मदद करता है योग , योग ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने का कार्य करता है. कुछ आसान ऐसे हैं जो ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं. इनमें कपालभाति प्राणायाम, धनुरासन और चक्रासन है, जो डायबिटीज की समस्या को कम कर सकते हैं.

3. हाइपरटेंशन
हाई ब्‍लड प्रेशर की वजह से भी कई बीमारियां शरीर को घेर सकती हैं. योग से हाइपरटेंशन को दूर किया जा सकता है. योग और ध्यान से इस समस्या से बच सकते हैं. इसके लिए पश्चिमोत्ताशन, शवासन, प्राणायाम और अधो-मुखश्वनासन कर सकते हैं.

4. माइग्रेन
दिमाग में सही तरह से ब्लड सर्कुलेशन न होने पर माइग्रेन की समस्या होती है, जो बेहद दर्दनाक होती है. योग की मदद से दिमाग तक ब्लड को आसानी से पहुंचाया जा सकता है. इससे माइंड तरोताजा बना रहता है. माइग्रेन में शीर्षासन या हेडस्‍टैंड से काफी लाभ मिल सकता है. इसके अलावा उष्ट्रासन, बालासन और शवासन से भी फायदा मिल सकता है.

5. अस्‍थमा
अस्थमा के मरीजों के लिए योग रामबाण से कम नहीं है. योग से सांस की समस्या दूर हो सकती है. इससे इंहेलर से भी छुटकारा मिल सकता है. योग फेफड़ों तक ताजी हवा पहुंचाने का काम करता है, जिससे सांस की तकलीफ दूर हो सकती है. अस्थमा या सांस की समस्या से बचने के लिए प्राणायाम और धनुरासन फायदेमंद हो सकता है.

योगाभ्यास न केवल शारीरिक क्षमता बल्कि आपके दृढ़ संकल्प की भी परीक्षा लेता है। इसके परिणामस्वरूप, परासिम्पथैटिक (parasympathetic) तंत्रिका तंत्र आपके शरीर को आराम व शांति देता है। अनुकम्पी तन्त्रिका तंत्र शरीर की लड़ने की क्षमता से जुड़ा हुआ है, उसके सही कार्य संचालन के लिए लाइफस्टाइल एक्टिव बनाना जरूरी है। वरना मस्तिष्क में तनाव और शरीर में सूजन पैदा होने लगती है।

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