IAS Success Story: 35 परीक्षाओं में हुए फेल, नहीं टूटा हौसला 2018 में बने IPS और फिर आईएएस अफसर
IAS Success Story: इंसान के लिए जीवन में सफलता हासिल करना और सपनों को साकार करना कभी भी आसान नहीं होता. इसके लिए अथक प्रयास और दृढ़ निश्चय की आवश्यकता होती है. आज हम एक ऐसे ही इंसान की बात करेंगे, जिन्होंने सफलता के शिखर पर पहुंचने से पहले कई असफलताओं का सामना किया, लेकिन आज वह कई लोगों के लिए प्रेरणा का सोर्स हैं।
IPS बनने के बावजूद नहीं थे संतुष्ट
दरअसल, हम बात कर रहे हैं IAS अधिकारी विजय वर्धन की. उन्होंने देश की सबसे कठिन UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करने और IAS अधिकारी बनने के लिए एक अनूठी रणनीति अपनाई थी. हालांकि, इससे पहले उन्होंने IPS अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा पास की, लेकिन वह पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे और आईएएस अधिकारी बनने तक अपने प्रयास जारी रखे।
35 सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में हुए असफल
आईएएस विजय वर्धन हरियाणा के सिरसा जिले से हैं. हिसार से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए. यूपीएससी की तैयारी के दौरान, उन्होंने कई सरकारी नौकरियों के लिए भी आवेदन किया. उन्होंने 35 परीक्षाओं के लिए प्रयास किया, लेकिन हर बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा. उन्हें UPSC परीक्षाओं में कई असफलताओं का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद या हिम्मत नहीं हारी. उनका विश्वास था कि जो लोग प्रयास करते रहते हैं, उनकी कभी हार नहीं होती।
IAS Success Story: यूपीएससी में हासिल की ऑल इंडिया 104 रैंक
आखिरकार कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर वे सफलता के शिखर पर पहुंच गए. साल 2018 में, विजय वर्धन ने एक खास रणनीति बनाई. उन्होंने अपनी असफल परीक्षाओं को अभ्यास के रूप में लिया. असफलताओं के बावजूद, वह नकारात्मक नहीं हुए और अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहे, दिन-रात इसके लिए काम करते रहे. अंत में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और 104वीं रैंक हासिल की, जिसके कारण उनका सेलेक्शन आईपीएस अधिकारी के रूप में हुआ।
आईएएस बनने के लिए फिर दी यूपीएससी परीक्षा
हालांकि, उनका असली सपना आईएएस अधिकारी बनना था. विजय वर्धन सिर्फ आईपीएस अधिकारी बनकर संतुष्ट नहीं थे. उनका दृढ़ संकल्प और भी मजबूत हो गया और बिना किसी हिचकिचाहट के उन्होंने 2021 में फिर से यूपीएससी परीक्षा दी. इस बार उन्होंने टॉप 70 में स्थान हासिल किया. उनकी सफलता उनकी लगन और समर्पण का नतीजा थी और आखिरकार उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया।