राजनीति

Manish Verma IAS : कौन हैं मनीष वर्मा, जिन्हें नीतीश कुमार ने पार्टी में दी बड़ी जिम्मेदारी, 12 सालों से हैं CM के खास

Manish Verma IAS. जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हुए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी देते हुए राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। उन्होंने मंगलवार को जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी। पार्टी के महासचिव और एमएलसी आफाक अहमद खान ने गुरुवार को बताया कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने तत्काल प्रभाव से मनीष वर्मा को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है।

मंगलवार को JDU में शामिल हुए थे मनीषमंगलवार को जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित समारोह में पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने मनीष वर्मा को पार्टी की सदस्यता दिलवाई थी। इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुमार कुशवाहा भी मौजूद थे।

पटना के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं मनीष2000 बैच के आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा पटना के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा था कि पहले जदयू मेरे दिल में था और अब मैं इस दल में आ गया हूं। वह सीएम नीतीश कुमार के परामर्शी भी रह चुके हैं। पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सदयस्ता ग्रहण करने के बाद मनीष वर्मा को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

तेज-तर्रार अधिकारी के रूप में मनीष वर्मा की पहचान

जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार के गृह जिले के रहने वाले 2000 बैच के उड़ीसा कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके मनीष वर्मा सीएम के अतिरिक्त परामर्शी के रूप मे काम कर रहे थे. इसके पहले वह बिहार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. मनीष वर्मा की पहचान तेज-तर्रार अधिकारी के रूप में की जाती थी. मनीष वर्मा मूल रूप से बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं. उन्होंने IAS बनने के बाद सबसे पहले कालाहांडी के सब कलेक्टर के तौर पर योगदान दिया था और उसके बाद कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया.

बिहार में निभाई कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

12 सालों साल तक उड़ीसा में काम करने के बाद 2012 में आईएएस मनीष वर्मा इंटर स्टेट डेपुटेशन पर 5 साल के लिए बिहार आ गए और बिहार में भी इन्हें कई बड़ी जिम्मेदारियां दी गई. इन्हें पूर्णिया और पटना का डीएम भी बनाया गया था. साथ ही बिहार में इन्होंने कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी रहकर काम किया था.  मनीष वर्मा ने जब 5 साल की प्रतिनियुक्ति पूरी कर ली तो तो इन्हें एक साल के लिए और बिहार में ही डेप्यूट किया गया. लेकिन, जब बिहार से वापस ओडिशा जाने की बात हुई तो मनीष वर्मा ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया और  नौकरी छोड़ दी.

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