IAS प्रमोशन ब्रेकिंग : राज्य प्रशासनिक सेवा के 42 अफसर बनेंगे IAS, राज्य सरकार ने भेजा 120 नाम…अब जल्द मिलेगी बड़ी खुशखबरी
झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) में प्रोन्नति के लिए हर वर्ष समय से तैयारी नहीं होने का खामियाजा अधिकारियों को भुगतना होता है और कई बार दो वर्षों के बाद ही प्रोन्नति मिल पाती है। इस वर्ष भी 2019, 2020 और 2021 की रिक्तियों के विरुद्ध अधिकारियों को आइएएस में प्रोन्नति मिल रही है। हालांकि, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) इस व्यवस्था को अब नियमित करना चाहता है। इसके लिए कई बार उच्च स्तर पर चर्चा भी हुई है। इधर, चर्चा है कि राज्य सरकार भी हर वर्ष अधिकारियों को उनके हिस्से की प्राेन्नति से वंचित नहीं करेगी और इसके लिए हर वर्ष आइएएस में प्रोन्नति के लिए अनुशंसा भेजी जाएगी।
तीन वर्षों से अफसरों को नहीं मिली है पदोन्नति
बहरहाल, तीन वर्षों की रिक्तियों के एवज में इस वर्ष कार्मिक विभाग की ओर से 120 अधिकारियों के नाम भेजे गए हैं। इनमें से 42 को प्रोन्नति मिलने के आसार हैं। वर्ष 2019 के कोटा से 17 झारखंड प्रशासनिक सेवा (झाप्रसे) अधिकारियों को आइएएस में प्रोन्नति मिलनी है। 2020 में यह संख्या 12 है, जबकि 2021 में 13 अधिकारियों को प्रोन्नति दी जानी है। एक पद के विरुद्ध तीन नाम को भेजने का प्रविधान है जिसके तहत ये नाम भेजे जाते हैं। कई बार नाम भेजने में देरी के कारण अधिकारी सेवानिवृत्त भी हो जाते हैं, लेकिन उन्हें आइएएस में प्रोन्नति नहीं मिल पाती है। दूसरी ओर, वरीय पदों पर अधिकारियों की कमी का रोना भी है। इन तमाम समस्याओं का निदान नियमित प्रोन्नति से ही होगा और इसकी तैयारी में राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक है।
झाप्रसे से आइएएस में प्रोन्नति के लिए 120 नामों का प्रस्ताव
झारखंड प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति के लिए 120 नामों का प्रस्ताव केंद्रीय कार्मिक विभाग को भेज दिया गया है जिनमें से 39 अधिकारियों को आइएएस में प्रोन्नति दी जा सकती है। इस प्रकार झारखंड के नाम पर पिछले तीन साल की रिक्तियों को एक साथ समाप्त किया जा सकता है। जिन 120 लोगों की सूची वरीयता सूची के आधार पर तैयार हुई है उनमें गोपालजी तिवारी का भी नाम है जिनके खिलाफ मुख्यमंत्री ने एसीबी जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि महज नाम आने से किसी की वरीयता और दावे को खत्म नहीं किया जा सकता है। यह केंद्रीय कार्मिक विभाग पर निर्भर करता है कि वह किस आधार पर आपत्ति दर्ज करता है। आपत्ति पर संतोषजनक जवाब के बाद आइएएस में प्रोन्नति दी भी जा सकती है। बहरहाल, प्रशासनिक सेवा के अफसरों के लिए खुशियों भरे पल का इंतजार शुरू हो चुका है। अन्य प्रमुख नामों में आलोक त्रिवेदी, रविरंजन मिश्रा, मनोज जायसवाल, करि कुमार केशरी, बालकिशुन मुंडा आदि प्रमुख हैं |