द बाबूस न्यूज़

IAS अफसर से प्रताड़ित महिला डिप्टी कलेक्टर का सोशल मीडिया में 8 पन्ने का खुला पत्र!….लिखी – मेंटली टॉर्चर कर मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए थैंक्यू सर….बहुत अच्छे से जानती हूं इस लेटर को लिखने के बाद मेरा क्या होगा, पढ़िए पूरा पत्र

इन दिनों देश के प्रशासनिक अफसर कई तरह के आरोपों से घिरे नजर आ रहे हैं । झारखंड के राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर दीपमाला ने हजारीबाग के डीसी रवि शंकर शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाकर एक प्रताड़ना का खुलासा की है। दीपमाला ने डिप्टी कलेक्टर नाम के वाट्सएप ग्रुप पर एक आठ पन्ने का पत्र पोस्ट किया है, जिसमें कहा है कि हजारीबाग के डीसी महिला अफसरों को प्रताड़ित करते हैं, पत्र में उन्होंने पिछले एक साल की पीड़ा की जानकारी विस्तार से दी है. अंत में यह भी लिखा है कि थैंक्यू डीसी सर हमको मेंटली इतना टॉर्चर करके मेंटली इतना स्ट्रॉंग बनाने के लिए, आपके ट्रांसफर पर हम लड्डू बांटेंगे, दीपमाला का यह पत्र अब राज्य से लेकर देश के अफसरों के बीच जमकर वायरल हो रहा है, पत्र के वायरल होते ही राज्य शासन ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए डीसी शुक्ला को पूरे मामले की जानकारी देने पत्र जारी किया गया है। दीपमाला हजारीबाग में कार्यपालक दंडाधिकारी के पद पर पदस्थापित हैं ।
पत्र में ये लिखा –

एक आईएएस और एक स्टेट सिविल सर्वेंट के बीच का रिश्ता सीनियर और एक जूनियर का होता है, जहां कॉपरेशन, अंडरस्टैंडिंग एंड एप्रोचेबिलिटी होती है, जहां हम अपने बॉस के पास कभी भी प्रॉब्लेम होने पर बिना हिचक के जा सकते हैं, डिस्कस कर सकते हैं, लेकिन डीसी सर इसके बिल्कुल उलट हैं, उन्हें तो महिला ऑफिसरों को बेईज्जत और परेशान करने में ही मजा आता है ।

फिर दीपमाला ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि वो एक सिंगल मदर है और हजारीबाग उनके लिये बिल्कुल नया है, दीपमाला का एक बेटा है, जिसकी जिम्मेवारी उन्हीं पर है, लेकिन हजारीबाग में पोस्टिंग होते ही डीसी ने उन्हें नाइट ड्यूटी दे दी, दीपमाला ने रिक्वेस्ट किया और अपने सिंगल मदर होने के बारे में बताया, फिर भी उन्हें लगातार नाइट ड्यूटी पर ही रखा गया । दीपमाला ने लिखा है कि उनके अलावा और 4 महिला ऑफिसर्स को भी किसी भी त्यौहार के आने के एक हफ्ते पहले ही नाइट ड्यूटी पर लगा दिया जाता है, जबकि नाइट ड्यूटी त्यौहार के वक्त किसी पुरूष अधिकारी को ही दी जा सकती है, लेकिन चूंकि डीसी को महिला ऑफिसरों से खासा चिढ़ रहती है। ।


यहां दीपमाला का सवाल डीसी से है कि क्या वे इसकी जिम्मेवारी लेते और क्या उन्हें किसी महिला ऑफिसर की सेफ्टी को ताक पर रखकर ड्यूटी करवाने का हक है, देश का कानून भी महिलाओं को वर्क प्लेस पर सुरक्षा प्रदान करने की बात कहता है, वह लिखती हैं कि डीसी की नजर में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है, तभी तो दुर्गा पूजा से लेकर अन्य त्यौहार में भी महिला ऑफसरों को ही रात भर और दिनभर हवलदार के साथ चौक-चौराहों पर बैठने का फरमान जारी कर देते हैं

दीपमाला ने डीसी से पूछा है कि क्या JPSC से आयी महिला अधिकारी हवलदार रैंक की है, क्या इस छोटे काम के लिये AE/JE रैंक के पुरुष अधिकारी काफी नहीं हैं., साथ ही पत्र में लिखा है कि डीसी सर यदि आप एक टफ सिविल परीक्षा पास करके आये हैं तो मैं भी उसी मेहनत से परीक्षा पास करके आयी हूं. लेकिन आपको तो आपसे नीचे के किसी भी अधिकारी को नीचा दिखाने में मजा आता है ।

पत्र में दीपमाला ने आगे लिखा है कि सरकार की ओर से महिलाओं को सिक लिव दी जाती है, लेकिन डीसी सर के पास छ्टुटी मांगने पर वो सरेआम बेइज्जत कर देते हैं, जिसका बाकि लोग मजाक बनाते रहते हैं, डीसी कहते हैं कि एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी सिचुएशन में ही छुट्टी लेना है, तो सिर में दर्द होना भी एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी सिचुएशन हो सकता है, लेकिन इससे डीसी को कोई फर्क नहीं पड़ता, तबियत खराब में भी रोकर छुट्टी मांगी तो वो बेइज्जत करने से बाज नहीं आते हैं, दीप लिखती हैं कि वे एसएल छोड़कर कोई भी छुट्टी नहीं लेती हैं, दीपमाला ने आगे लिखा है कि डीसी सर बंगले में परिवार के साथ रहते हैं, यह उनकी किस्मत है, हमें तो फ्लैट में रहना पड़ता है, क्या हम साल में एक बार भी छुट्टी लेकर अपने परिवार के पास नहीं जा सकते, अगर छह दिन की छुट्टी मांगी जाती है, तो सबसे पहले उसे चार दिन कर दिया जाता है, डीसी सर यह नहीं समझते कि दो दिन तो जाने-आने में निकल जाते हैं, परिवार के साथ तो दो दिन ही रह पायेंगे ना ।

दीपमाला ने लिखा है कि डीसी सर हम दो दिन से रो रहे हैं और रोज दवाई खाकर ऑफिस आ रहे हैं, बहुत हिम्मत करके आपको बताये कि तबियत बहुत खराब, लेकिन आपने सबके सामने मुझे बेइज्जत कर दिया तो लोग मेरा मजाक उड़ा रहे हैं और कह रहे हैं कि मेरी वजह से उन सब का भी कंपनसेंटरी लीव खराब हो गया |

पत्र में लिखा है कि – सर, आप इतने अमानवीय हैं कि हमको रोता देख और तबियत खराब होने के बावजूद भी कहते हैं कि – आप लिखकर दें कि हम इस डीसी के साथ काम नहीं कर सकते और छुट्टी पर चले जाइये, दीप ने लिखा है कि मेरी उतनी खराब तबियत देखकर भी डीसी सर ने उसी वक्त मुझे राईस मिल को सिल करने की ड्यूटी दे दी, लेकिन सर जान रहेगी तभी तो काम हो पायेगा ।
दीप ने लिखा है कि सर सिक लिव हर लेडी ऑफिसर का सरकार के द्वारा दिया गया अधिकार है, लेकिन आप तो सरकार से भी ऊपर हैं, क्योंकि सरकार की ओर से अगर सिक लिव महिलाओं को दी गयी है तो कुछ सोचकर ही दी गयी होगाी, इसे रद्द करने का आपको कोई हक नहीं है. क्योंकि वह तो महिलाओं का अधिकार है ।
दीप ने डीसी को लिखा है कि मेरी नौकरी मेरे लिये बेहद जरूरी है, क्योंकि यह मेरे लिये बेटे को पालने का एकमात्र सहारा है और जीने का सहारा भी है, डीसी सर, मैं ये बहुत अच्छे से जानती हूं कि इस लेटर को लिखने के बाद मेरा क्या होगा, आप मेरी हर काम में गलती निकालेंगे और मुझे नौकरी से हटाने की भी कोशिश करेंगे और साथ ही सीआर में हमको आप बिल्कुल जीरो देंगे
लेकिन सर अब हम हर चीज के लिये तैयार हैं, लेकिन इतना मेंटली टॉर्चर करके मुझे मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिये थैंक्यू सर, और आपके ट्रांसफर पर हम आपको लड्डू बांटेंगे

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