राजनीति

Mahadev Satta App : ED के सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री का नाम…भूपेश बोले, यह राजनीतिक षड़यंत्र, ED राजनीतिक आकाओं के इशारे पर साजिश कर रही

Mahadev Satta App : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेश बघेल को महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर्स की तरफ से 508 करोड़ रुपए दिए गए थे। ED की चार्जशीट में ये खुलासा हुआ है। असीम दास के बयान के मुताबिक महादेव एप के एक प्रमोटर शुभम सोनी ने उसे कैश पहुंचाने का काम सौंपा था। इस पूर्व CM ने कहा कि, ED राजनीतिक आकाओं के इशारे पर साजिश कर रही है।

यह भी पढ़े : Mahadev Betting App: ED की चार्जशीट में पूर्व CM भूपेश बघेल समेत पांच लोगों का नाम, ED का दावा – आरोपी अपने पुराने बयान पर कायम

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सप्लीमेंट्री चार्जशीट में नाम शामिल किए जाने को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीतिक षड़यंत्र करार दिया है. उन्होंने X पर किए अपने पोस्ट में आरोप लगाया कि ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ़्तार कर रही है, और उनसे दबावपूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के ख़िलाफ़ बयान दिलवा रही है. इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं, उनका कोई आधार नहीं है.

यह भी पढ़ें : फूड अफसर की छुट्टी : मंत्री के नाराजगी के बाद हुई कार्रवाई, सीनियर अधिकारी के होते हुए जूनियर को चार्ज, डायरेक्टर ने जारी किया आदेश

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने X पर किए पोस्ट में कहा कि जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे, उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कह दिया है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है, और उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया. अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है. यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं.

यह भी पढ़ें : CG Coal Scam Case : IAS समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी समेत 6 आरोपी कोर्ट में पेश, विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत पर फैसला कुछ देर में…न्यायाधीश अजय सिंह के कोर्ट में चल रही सुनवाई

भूपेश बघेल ने कहा कि अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है. इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी और इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी. ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है.

यह भी पढ़ें : मंत्री ने लगाया बंगले से समान गायब होने का आरोप, पूर्व मंत्री शिव डहरिया बोले- मैं अपना निजी सामान लेकर आया हूं” इस तरह बदनाम करना उचित नहीं, देखिए वीडियो में…

उन्होंने कहा कि  महादेव ऐप के घोटाले की जाँच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी। मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे। छत्तीसगढ़ सरकार की इस जाँच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जाँच कर रही है लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जाँच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव व बदनामी का हथियार बना लिया है। महादेव ऐप के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुँचाने का ही रह गया है।

Back to top button
close