CM भूपेश बघेल अपने मंत्रिमंडल के साथ मिलेंगे प्रधानमंत्री से, मुख्य सचिव ने PMO को पत्र लिखकर मांगा समय
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राज्य के किसानों और उसना मिल मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराएंगे। पीएम से मंत्रिमंडल की मुलाकात के लिए मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर दिन व समय निर्धारित करने का आग्रह किया है। सीएस ने पीएमओ को भेजे पत्र में लिखा है कि सीएम एवं मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य पीएम से भेंटकर धान उपार्जन, बारदाना संकट एवं किसानों से संबंधित विषयों पर चर्चा करना चाहते हैं।
मुख्य सचिव जैन ने पत्र में लिखा है कि उपार्जन योजना के तहत छत्तीसगढ़ व केंद्र सरकार के साथ हुए एमओयू के तहत खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जाती है। वर्तमान खरीफ सीजन वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार से प्राप्त निर्देश के अनुसार छत्तीसगढ़ में केंद्रीय पूल अंतर्गत शत-प्रतिशत अरवा चावल (61.65 लाख मीट्रिक टन) उपार्जन का निर्देश मिला है, जबकि विगत वर्षों में राज्य से उसना चावल भी लिया जाता रहा है।
मजदूरों के रोजगार पर संकट
मुख्य सचिव ने कहा है कि खाद्य मंत्रालय के निर्देश से प्रदेश में स्थापित 416 उसना मिलों के संचालन एवं उनमें कार्यरत मजदूरों का रोजगार प्रभावित होगा। साथ ही कृषकों द्वारा उत्पादित ऐसा धान जिससे केवल उसना चावल बन सकता है उसके निराकरण में भी कठिनाई होगी। धान उपार्जन के लिए जूट कमिश्नर से बारदानों की पर्याप्त आपूर्ति भी समय से नहीं हो पा रही है। इन सभी बातों के मद्देनजर सीएम एवं सभी मंत्री, प्रधानमंत्री नरेंद्र से भेंट कर धान उपार्जन से संबंधित विषयों पर मंत्रणा करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री खुद भेज चुके हैं दो चिट्ठी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर एक दिसंबर से शुरू हो रहे धान खरीदी के दौरान बारदाने के संकट को लेकर पीएम को चिट्ठी लिख चुके हैं। सीएम ने अपने पत्र में पर्याप्त मात्रा में जूट बारदाना उपलब्ध नहीं कराने पर खरीदी के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि 5.25 लाख गठान बरदाने की आवश्यकता है, लेकिन छत्तीसगढ़ को मात्र 87 गठान बारदाने की मिले हैं। वहीं बुधवार को कोरोना से मृत लोगों को चार लाख रुपए मुआवजा देने के लिए पत्र लिखा है।