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CG IPS GP SINGH NEWS : IPS जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, कोर्ट ने दर्ज एफआईआर पर लगाई रोक, सुपेला थाने में दर्ज FIR पर लगायी रोक, जानिए क्या था मामला

बिलासपुर। आईपीएस जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने उनके खिलाफ सुपेला थाने में दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है. जीपी सिंह ने इस एफआईआर को समाप्त करने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. कैट से बहाली के आदेश के बाद अब IPS जीपी सिंह को हाईकोर्ट से भी राहत मिली है।

आपको बता दें कि साल 2021 में सुपेला थाना में जीपी सिंह के खिलाफ भयादोहन का केस दर्ज किया गया था। जबकि ये पूरा प्रकरण 2015 का बताया जा रहा था। 6 साल बाद इस मामले में मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने माना कि किसी भी लोक अभियोजक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने से पहले जिन नियमों का पालन करना होता है, उसका पालन नहीं किया गया।

जीपी सिंह ने FIR को खत्म करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने कहा कि ये मामला 2015 का है, छह साल बाद शिकायतकर्ता ने मामला दर्ज कराया है। किसी भी लोक अभियोजक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए नियम 197 के तहत अनुमति लेनी होती है। इसका पालन पुलिस ने नहीं किया। जिसके बाद कोर्ट ने एफआईआर पर रोक लगा दी है।

जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2015 में दुर्ग निवासी कमल सेन का बिल्डर सिंघानिया से व्यावसायिक लेन देन को लेकर विवाद हुआ था. इस दौरान सिंघानिया ने सेन के सामने आईपीएस जीपी सिंह को फोन करने की बात कही, मगर फोन पर कोई बात नहीं हुई थी. इसके 6 साल बाद 2021 में कमल सेन ने सुपेला थाने में एक एफआईआर दर्ज कराकर कहा कि जीपी सिंह ने उनसे 20 लाख की मांग करते हुए धमकी दी है. कमल सेन के आवेदन पर भिलाई के सुपेला थाना में जीपी सिंह के खिलाफ भयादोहन का अपराध दर्ज किया गया. इस एफआईआर को निरस्त करने आईपीएस सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डीबी में मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने माना कि 6 साल बाद जाकर शिकायतकर्ता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है जो एक काफी लम्बा समय है. इसके साथ ही किसी लोक सेवक के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने धारा 197 में अनुमति लेनी होती है, जो नहीं किया गया. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस एफआईआर पर रोक लगाई है.

आपको बता दें कि साल 2021 में दुर्ग जिले की पुलिस ने एक व्यापारी से अवैध वसूली करने के आरोप में निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था। दुर्ग जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले एक व्यापारी की शिकायत पर सुपेला थाने में सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। व्यापारी ने अपनी शिकायत में कहा था कि सिंह ने वर्ष 2016 में अपने सहयोगी रंजीत सैनी के माध्यम से उसे फर्जी मामले में फंसाने की धमकी देकर 20 लाख रुपये की वसूली की थी।

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