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Bharat Bandh Today: भारत बंद से कई शहरों में पसरा सन्नाटा, बंद कराई गईं दुकानें…प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, भारत बंद की तस्वीरें आई सामने

Bharat Bandh Today: क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है, भारत बंद का असर कुछ राज्यों में देखने को मिला है, वही कुछ राज्यों में हल्का असर रहा है, भारत बंद का सार्वजनिक परिवहन सेवाओं से लेकर ट्रेन सेवाओं पर भी असर पड़ा है। वहीं भारत बंद का छत्तीसगढ़ में भी मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कहीं स्कूल कॉलेज और दुकानें बंद कराई गई है तो कहीं बंद का बिल्कुल भी असर नहीं है।

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कई जिलों में भारत बंद का असर देखने को मिल रहा है, बस्तर में सुबह से सभी बाजार बंद है. गाड़ियों के पहिए थमे हुए हैं. सड़क पर गाड़ियां नजर नहीं आ रही है, कोंडागांव में लगभग सभी दुकान बंद है, यहाँ सर्व आदिवासी समाज का प्रभाव है, इससे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

भारत बंद का कारण
दरअसल, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी में क्रीमीलेयर वर्ग को आरक्षण देने का फैसला किया था। कोर्ट की ओर से कहा गया कि जिन लोगों को इस श्रेणी में आवश्यकता है उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए।

इन राज्यों में दिखा सबसे ज्यादा असर
झारखंड, बिहार और राजस्थान में भारत बंद का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। झारखंड में कई जगह पर लोगों ने इस दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया।

इन राज्यों में भारत बंद को लेकर अलर्ट है
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बंद का असर सबसे ज्यादा दिखने वाला है. इसलिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. राजस्थान के पांच जिलों में स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया गया है. राजस्थान में बंद का प्रभाव सबसे ज्यादा देखने को मिल सकता है।

Bharat Bandh : बंद में कौन-कौन से संगठन और दल शामिल हैं
भारत बंद को दलित और आदिवासी संगठन के अलावा अलग-अलग राज्यों की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियां भी समर्थन कर रहीं हैं. इनमें प्रमुख रूप से बहुजन समाज पार्टी, भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी (काशीराम) भारत आदिवासी पार्टी, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, एलजेपी (R) समेत अन्य संगठनों का नाम शामिल है. कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन किया है. इन संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आरक्षण के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।

 

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