Aparajita Woman and Child Bill: बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा, विधानसभा में एंटी रेप बिल ‘अपराजिता’ पास
Aparajita Woman and Child Bill: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सर्वसम्मति से राएंटी रेप बिल ‘अपराजिता’ पास कर दिया है। विपक्ष ने भी इस विधेयक का पूरा समर्थन किया है, बिल के ड्राफ्ट में बलात्कार पीड़िता की मौत होने या उसके स्थायी रूप से अचेत अवस्था में चले जाने की सूरत में ऐसे दोषियों के लिए मृत्युदंड के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है।
इस बिल के अनुरसार, रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में पुलिस को 21 दिनों जांच पूरी करनी होगी। इस बिर में दरिंदगी करने वाले के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान है। इस बिल में अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।
इस बिल में हर जिले के भीकर स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान है। रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स एक्शन लेगी। टास्क एक्शन फोर्स इस मामले में अपराधियों सलाखों के पीछे पहुंचाएगी।
पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को भी सजा
वहीं इस बिल रेप जैसे मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है। इस बिल के अनुसार, रेप पीडि़ता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है।
यह बिल मिसाल बनेगा, हर राज्य अपनाएगा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि महिला उत्पीड़न व बलात्कार जैसे मामलों में के लिए सख्त से सख्त सजा हो. इसमें भारतीय दंड संहिता और POCSO अधिनियम के प्रावधानों को और सख्त किया गया है… बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है, अगर उनके कृत्यों के परिणामस्वरूप पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या वे गंभीर मस्तिष्क क्षति का शिकार हो जाती हैं।
अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर सजा दी जाएगी… मैंने पहले ही स्वास्थ्य सचिव से कहा है कि जिन मार्गों पर नर्स और महिला डॉक्टर यात्रा करती हैं, उन्हें कवर किया जाना चाहिए, इसके लिए मैंने 120 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. हर जगह CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, जहां टॉयलेट नहीं है, वहां इसकी व्यवस्था की जाएगी।
Aparajita Woman and Child Bill: अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक की बड़ी बातें क्या हैं
पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश हुए अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक बिल की तीन प्रमुख बाते हैं, जो दुष्कर्म के दोषियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान कर रही हैं।
किसी महिला का दुष्कर्म करने के बाद अगर उसकी हत्या कर दी जाती है तो ऐसा करने वाले दोषी को मृत्युदंड दिया जाएगा.
किसी महिला के साथ दुष्कर्म किया गया तो इस अपराध को अंजाम देने वाले दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी.
किसी नाबालिग के साथ दुष्कर्म होता है तो उसके आपराधिक दोषी को 20 साल की कैद और मौत की सजा दोनों का प्रावधान है.
इस बिल की ये तीन बड़ी बातें हैं, जिसे केंद्र सरकार के कानून में संशोधन के बाद पेश किया गया है. केंद्र सरकार का दुष्कर्म को लेकर जो कानून है, उसमें पूरी तरह से बदलाव नहीं किया जाएगा. मगर इस नए कानून के जरिए 21 दिनों में न्याय सुनिश्चित होगा. अगर 21 दिनों में फैसला नहीं आ पाता है तो पुलिस अधीक्षक की इजाजत से 15 दिन और मिल जाएंगे. यह समवर्ती सूची में है और हर राज्य को संशोधन करने का अधिकार है।