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पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित…. अब PAK को भुगतना होगा खामियाजा

भारत में संसद हमले से लेकर पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है | वही अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते चीन ने इस बार अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने से रोकने के लिए वीटो का इस्तेमाल नहीं किया |

मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति के सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार चीन इस पर वीटो लगा दे रहा था, चीन अभी तक चार बार वीटो लगा चुका था, लेकिन पांचवीं बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वह राजी हो गया है |

संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने इसकी जानकारी ट्विटर पर दी. उन्होंने कहा, ‘मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया है, सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद’

मसूद अजहर का कश्मीर कनेक्शन
फिर चाहे वह कंधार कांड हो या फिर अब पुलवामा में हुआ बड़ा आतंकी हमला, दरअसल, 90 के दशक से ही मसूद अजहर जम्मू-कश्मीर में एक्टिव रहा है, 1994 में उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था. मगर, कंधार कांड के बाद भारत सरकार को उसे रिहा करना पड़ा था. उसी के बाद से वह भारत के लिए चिंता का विषय बन गया |

भारत से रिहा होने के बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद नाम का संगठन बनाया, जिसने अभी तक हिंदुस्तान में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है. भारत में किन हमलों के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ. 2001 में संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट हमला, 2018 में पठानकोट हमला और 2019 में पुलवामा आतंकी हमला. ये तो वो आतंकी हमले हैं, जिनका ध्यान पूरी दुनिया की तरफ गया. लेकिन इसके अलावा भी कश्मीर में रोजाना जो छोटे आतंकी हमले होते हैं या सेना के साथ मुठभेड़ होती हैं. उसमें भी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शामिल रहते हैं |

क्या होगा असर
पाकिस्तान में आतंकियों के रसूख को देखते हुए इस बात की उम्मीद मुश्किल है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में नाम जोड़े जाने के बाद उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी, पहले से प्रतिबंधित सूची में मौजूद हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगना को हासिल सहूलियतों को देखते हुए इसका अंदाजा भी लगाया जा सकता है, हालांकि आतंकवाद को लेकर बढ़ते दबाव और एफएटीफ ब्लैकलिस्टिंग की लटकती तलवार के बीच इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता कि दिखावे के लिए ही सही मगर मसूद अजहर पर नकेल कसना पाकिस्तान की मजबूरी जरूर होगी |

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