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पीएम मोदी ने देश को समर्पित की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी,कहा प्रतिमा भविष्य के लिए प्रेरणा का आधार है,

देश के पहले गृह मंत्री लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 149 जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके प्रतिमा का अनावरण कर दुनिया के सबसे बड़े प्रतिमा  देश को समर्पित किया ,यह प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध पर बनी है,182 मीटर उंची पटेल की प्रतिमा को तैयार होने में पांच साल का वक्त लगा,प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे सरदार साहब की इस विशाल प्रतिमा को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है, हम आजादी के इतने साल तक एक अधूरापन लेकर चल रहे थे, लेकिन आज भारत के वर्तमान ने सरदार के विराट व्यक्तित्व को उजागर करने का काम किया है. आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तो ये काम भविष्य के लिए प्रेरणा का आधार है |

आसमान से तिरंगा उकेरा गया

दुनिया के सबसे बड़े प्रतिमा का अनावरण करने के बाद  वायु सेना के तीन विमानों ने वहां उड़ान से तिरंगे के तीनों रंगों से आसमान में तिरंगा को उकेरा. इस दौरान तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते नजर आए,इसके साथ ही प्रतिमा पर हेलिकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई |

 

इस प्रतिमा की खासियत

बता दें कि इस मूर्ति में देशभर के गांवों से एकत्रित किए गए 18500 टन कृषि यंत्रों के लोहे का इस्तेमाल किया गया है. 6500 टन स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल किया गया है. प्रतिमा के निर्माण में 70 हजार टन सीमेंट और दो लाख बारह हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट लगा है,यह प्रतिमा मौजूदा समय में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है. चीन की प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है. सरदार पटेल की प्रतिमा न्यूयॉर्क स्थित 93 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुना बड़ी है,विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के साधु बेट टापू पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की मूर्ति को बनाने में करीब 2979 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं |

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