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संसदीय सचिव की नियुक्ति को लेकर सियासत गरमाई : रमन सिंह और विधायक धर्मजीत सिंह के तीखे बोल, सीएम बघेल का पलटवार, कहा – रमन सिंह को कुछ भी कहने का अधिकार नहीं

छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव की नियुक्ति किए जाने के मामले को लेकर सियासी गलियारों बवाल मचा हुआ है । जहां एक ओर पूर्व सीएम रमन सिंह और जोगी कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह नेने संसदीय सचीव की नियुक्ति को लेकर सरकार पर हमला किया था, वहीं दूसरी ओर सीएम भूपेश बघेल ने उनके बयान पर पलटवार किया है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश अनुरूप की जाएगी ।

पूर्व सीएम रमन सिंह ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर ​कहा था कि संसदीय सचिव बनाए जाने की चर्चा की जा रही है, जब ये विपक्ष में थे तब हमारे निर्णय को असंवैधानिक कहते थे विरोध करते थे। अब ये भी वही सब काम कर रहे हैं, यह साबित करता है हमने संवैधानिक रूप से निर्णय लिया था।

जोगी कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि सरकार जब काले हाथी को बचा नहीं पा रही है, ऐसे में संसदीय सचिव के साथ निगम व मंडलों में सफेद हाथी पालने का क्या औचित्य है, ये नियुक्ति रोक लगाना चाहिए, ऐसी कोई भी नियुक्ति नहीं होना चाहिए | विधायक धर्मजीत सिंह ने भूपेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कोरोना काल में सरकार जब बजट का तीस प्रतिशत काट रही है, तो ऐसे समय में संसदीय सचिव के साथ निगम और मंडलों में सरकार को नियुक्ति नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा |

सीएम बघेल ने रमन पर पलटवार करते हुए कहा है कि रमन सिंह तय कर लें कि उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में काम करना है या प्रदेश में रहना है। रमन को कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है, उन्होंने ने हर वर्ग को ठगने का काम किया है।

बता दें कि राज्य सरकार निगम और मंडलों अध्यक्षों सहित संसदीय सचिव के नाम तय कर आलाकमान को भेज चुकी है. आलाकमान की हरी झंडी मिलते ही राज्य में इन नियुक्तियों की घोषणा कर दी जाएगी. संसदीय सचिव सहित निगम और मंडलों में नियुक्ति के लिए मंत्री पद पाने से वंचित रह गए विधायकों को भी सूची में शामिल किया गया है.

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