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एक बार फिर सुर्ख़ियों में IPS प्रीति चंद्रा….सड़क पर करवाई महिला की डिलीवरी, प्रसूता ने उन्हीं के नाम पर रख दिया बेटी का नाम…जानिए कौन हैं प्रीति चंद्रा

राजस्थान के दूसरे बड़े जिले जोधपुर में आखलिया चौराहे पर वह दिन सभी को याद है जब एक अनूठी और नई पहल करते हुए डीसीपी प्रीति चंद्रा द्वारा बाड़मेर से आई एक महिला की डिलीवरी चौराहे पर ही कराई गई थी | जिसके बाद नवजात बच्ची नाम महिला आईपीएस को सम​र्पित किया गया है। राजस्थान में संभवतया यह पहला मामला है जब किसी परिवार ने अपने बच्चे का नाम जान बूझकर महिला आईपीएस के नाम पर रखा हो।

जोधपुर के आखलिया चौराहे पर करवाया था प्रसव
जानकारी के अनुसार राजस्थान के बाड़मेर जिले के गांव थोरियों की ढाणी नैनू कंवर के 4 मई को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस पर नैनू कंवर को उसका भाई शैतानसिंह गाड़ी से कल्याणपुर के अस्पताल लेकर गया, जहां से उसे जोधपुर रैफर कर दिया। जोधपुर के अस्पताल में ले जाते समय रास्ते में आखलिया चौराहा पर गाड़ी खराब हो गई और नैनू कंवर की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। ऐसे में गाड़ी बीच सड़क पर रुक गई। इसी दौरान आखलिया चौराहे पर जोधपुर डीसीपी आईपीएस प्रीति चंद्रा लॉकडाउन के चलते गश्त पर थीं।

सड़क पर लगाया गया टेंट
आखलिया चौराहे पर तैनात डीसीपी प्रीति चन्द्रा को जब पता चला कि प्रसूता को अस्पताल पहुंचा पाना भी संभव नहीं है। ऐसे में डीसीपी ने महिला कांस्टेबल सुगना व सुशीला की मदद से सड़क पर ही सुरक्षित प्रसव करवाया। इससे पहले पुलिसकर्मियों की मदद से सड़क पर प्रसूता की गाड़ी के चारों तरफ टेंट लगवाया गया। नैनू कंवर ने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद तुरंत पास के निजी डॉक्टर को चौराहा पर ही बुलाया और बच्ची व नैनू कंवर की जांच करवाई। फिर एंबुलेंस से उसे निजी अस्पताल भेजा।

सोशल मीडिया पर मिली सराहना
जोधपुर के आखलिया चौराहे पर पुलिसकर्मियों द्वारा महिला की डिलीवरी करवाने का यह मामला देशभर की सुर्खियों में रहा। आईपीएस एसोसिएशन ने इस पूरे मामले को ट्विट किया, जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रीट्वीट कर हौसला बढ़ाया। इसके अलावा फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार, वरूण धवन, रणदीप हुड्डा, ईशा कोप्पिकर, पूजा बेदी, कुणाल खेमू, रेमो डिसूजा व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी इसको रीट्वीट किया है।

डीसीपी प्रीति चंद्रा ने अस्पताल में जाकर हालात भी जाने:
सुरक्षित डिलीवरी कराने के बाद जच्चा और बच्चा को अस्पताल रवाना कराया गया था और बाद में खुद डीसीपी प्रीति चंद्रा ने अस्पताल में जाकर हालात भी जाने. इस डिलीवरी में प्रसव पीड़ा से परेशान महिला को बेटी का जन्म हुआ था |

जानिए कौन हैं आईपीएस प्रीति चंद्रा
बता दें कि आईपीएस प्रीति चंद्रा मूलरूप से सीकर जिले के गांव कुदन की रहने वाली हैं। 1979 को जन्मी प्रीति चंद्रा के​ पिता रामचंद्र सूंडा भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। प्रीति ने शुरुआत में पत्रकारिता को बतौर कॅरियर चुना, मगर ​मन में कुछ बड़ा करने का जुनून था। वर्ष 2008 में इन्होंने बिना किसी कोचिंग के पहले ही बार के प्रयास में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करके कमाल कर दिखाया। जोधपुर डीसीपी से पहले प्रीति करौली जिले में एसपी रहते हुए खुद चंबल के बिहड़ में उतरकर डकैतों का सफाया किया था। इसके अलावा प्रीति जयपुर इंटेलिजेंस विभाग व बूंदी में एसपी भी रह चुकी हैं।

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