द बाबूस न्यूज़

विशेष : 10 IAS अफसर की Inspirational Stories, जिनकी कामयाबी के नाम रहा 2019

आईएएस बनने के लिए जितने दृढ़ निश्‍चय और लगन की जरूरत होती है, बनने के बाद उससे कहीं अधिक मेहनत और समर्पण भाव की आवश्यक होती है। लोगों की सेवा में खुद और परिवार को भूल जाना ही सिविल सर्विस है।,

हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। बहुत सी ऐसी सक्सेस स्टोरी है जिन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर सर्विस परीक्षा पास कर ली है। यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। साल 2019 में बहुत से ऐसे स्टूडेंट्स है जिन्होंने UPSC एग्जाम क्रैक कर देश का नाम रोशन किया है।  

Image result for 35 बार हुआ असफल, फिर भी बना IAS अफसर- विजय वर्धन

35 बार हुआ असफल, फिर भी बना IAS अफसर-  विजय वर्धन 

दुनिया में कई ऐसी सक्सेस स्टोरीज की कोई कमी नहीं है, जहां कोई शख्स असफल हुआ हो लेकिन नई शुरुआत के बाद उसने अपना लक्ष्य पाया है। एक ऐसी ही कहानी है हरियाणा (हिसार) के विजय वर्धन की। विजय को सरकारी नौकरियों के 35 एग्जाम्स में असफलता मिली। लेकिन उसने कभी असफल होने के बाद अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी, आखिकार उन्होंने अब 35 बार असफल होने के बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस का एग्जाम 104वीं रैंक के साथ क्लियर किया।

Image result for Failure स्‍टूडेंट बने UPSC टॉपर-वैभव छाबड़ा punjab kesari

—Failure स्‍टूडेंट बना UPSC टॉपर-वैभव छाबरा

बहुत से उम्मीदवार अपना ख्वाब पूरा करने के लिए वर्षों तैयारी करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में और बेहद कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं, इन्हीं होनहारों में से एक हैं वैभव छाबरा। पीठ पर चोट लगने के बावजूद 7-8 महीने बेड पर रहे। 7-8 महीने बेड पर रहने के बावजूद भी पढ़ाई नहीं छोड़ी। बेड पर ही लेटे-लेटे पढ़ाई जारी रखी। इरादा पक्का होने से बरसों की मेहनत, दिनरात जागने की तपस्या और हर पल संघर्ष करके यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया है। लगातार कोशिशों के बाद साल 2018 में उन्हें सफलता मिली। वैभव ने IES 2018 में AIR 32 हासिल की। 

Image result for लाखों की नौकरी छोड़ गोयल बने IAS OFFICER

—लाखों की नौकरी छोड़ गोयल बने IAS OFFICER 

दिल्ली के केशव गोयल ने सीए में 18वीं रैंक हासिल की और सपने को साकार किया है। पिता का सपना पूरा करने के लिए गोयल ने लाखों की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की और पहली ही बार में 213वीं रैंक हासिल की। केशव गोयल 18वीं रैंक पाकर बहुत खुश थे लेकिन उनका सपना यूएस में जाकर अच्छी नौकरी करना था। 

Image result for बचपन में ही चलेगी आंखों की रोशनी फिर भी राकेश शर्मा बने IAS 

—बचपन में ही चलेगी आंखों की रोशनी फिर भी राकेश शर्मा बने IAS 

कुछ के सपने साकार हो जाते हैं, तो कुछ उसे सच करने की कोशिश में लगे रहते हैं। राकेश शर्मा की कहानी मुश्किलों से जूझते नौजवानों के लिए एक प्रेरणा है। साल 2018 में राकेश शर्मा ने सिविल सर्विस की परीक्षा क्रैक की। बचपन से राकेश शर्मा को ड्रग्स रिएक्शन होने की वजह से आंखों की रोशनी चली गई जिसकी वजह से उन्होंने अपनी पढ़ाई ब्रेल लिपी से पूरी की। बचपन में जब उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी लोगों ने उनके माता-पिता को कहा कि वो राकेश को आश्रम में छोड़ आए फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी, आंखों की रोशनी न होने पर भी सिविल सर्विस की परीक्षा में 608 रैंक हासिल किया।

Image result for जॉब के साथ साथ महीने में क्रैक किया UPSC एग्‍जाम

—जॉब के साथ साथ महीने में क्रैक किया UPSC एग्‍जाम

देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं। इस एग्जाम को क्लियर करने के लिए स्टूडेंट्स बरसों मेहनत, दिनरात जागने की तपस्या और हर पल संघर्ष करते है। एक ऐसी ही लड़की की बात करने जा रहे है जिन्‍होंने जॉब के साथ-साथ IAS की तैयारी की न केवल तैयारी की बल्‍कि क्रैक भी कर लिया,इस लड़की का नाम है नेहा यादव। नेहा यादव ने जॉब के साथ-साथ साल 2018 में सिविल सेवा की परीक्षा में 414 रैंक हासिल की। 

Image result for बचपन में चराती थी भैंस, आज है IAS अफसर

—बचपन में चराती थी भैंस, आज हैं IAS अफसर

देश में बहुत से उम्मीदवार हर साल दिन-रात कड़ी मेहनत करके आईएएस बनने का सपना सच करते है। आज भी एक ऐसी ही युवती की कहानी की बात करने जा रहे है जो बचपन से भैंस चराती थी और फिर भी उन्होंने लगन- संघर्ष करके यूपीएससी की परीक्षा पास की। इन हालातों में भी उन्‍होंने न केवल पढ़ाई पूरी की बल्‍कि IAS अफसर बनकर एक मिसाल पेश की है। सी.वनमती. वन पहली बार यूपीएससी परीक्षा में असफल रही लेकिन साल 2015 में दूसरी बार परीक्षा क्रैक कर IAS ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया। 

Image result for Google की नौकरी छोड़ IAS बने अनुदीप

—Google की नौकरी छोड़ IAS बने अनुदीप

तेलंगाना के अनुदीप डुरीशेट्टी ने साल 2013 में 790 रैंक हासिल की। अनुदीप ने गूगल जैसी कंपनी में शानदार पैकेज की जॉब छोड़कर उन्‍होंने न केवल सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया बल्‍कि चार प्रयास में असफल होने के बावजूद हिम्‍मत नहीं हारे। आखिरी या पांचवे प्रयास में देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन मानी जाने वाली संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में देश भर में टॉप किया है।

Image result for फीस भरने के लिए बेचा अखबार, आज है IAS OFFICER

—फीस भरने के लिए बेचा अखबार, आज है IAS OFFICER

अगर इरादे पक्‍के हों तो किसी भी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है, इस बात को सच साबित कर दिखाया है नीरीश राजपूत ने। आज की कहानी में मिलिए संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा पास कर चुके नीरीश राजपूत से जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 370वीं रैंक पाई। नीरीश पढ़ाई में अच्‍छे थे लेकिन घर की आर्थिक स्‍थिति ठीक नहीं होने की वजह से उनके सामने फीस भरने का संकट था। इसलिए पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए नीरीश ने अखबार बांटने का काम किया और साथ ही पिता के साथ सिलाई के काम में भी हाथ बंटाते थे। 

Image result for ट्रेन में पढ़ाई करने वाले शशांक मिश्र बने IAS

—ट्रेन में पढ़ाई करने वाले शशांक मिश्र बने IAS

एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी में 7वीं रैंक हासिल कर ली है। शशांक मिश्रा जब 12वीं पढ़ाई में कर रहे थे तो उनके पिता का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद आर्थिक तंगी का दौर शुरु हो गया जिसके कारण फीस भरना तक मुश्किल था। इन सब परेशानियों के बावजूद भी उन्होंने धैर्य बनाया रखा जिस वजह से आज उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया। शशांक ने ट्रेन में तैयारी के दौरान  बिस्किट खाकर अपना गुजारा किया। शशांक की मेहनत रंग लाई और पहले ही अटेंप्ट में एलाइड सर्विस में सिलेक्शन हो गया। साल 2007 में दूसरे प्रयास में उन्होंने पांचवीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया। 

—किसान की बेटी ने बिना कोचिंग लिए क्रैक किया UPSC एग्जाम

हर दिन आईएएस अधिकारियों के संघर्ष से सफलता की दास्‍तां सुनते हैं, ऐसे में एक ऐसी सक्सेस स्टोरी की बात करने जा रहे है जो मध्‍यम वर्गीय परिवार से संबंधित लड़की है -एनीस कनमनी जॉय की जिनके पास यूपीएससी परीक्षा की कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में एनीस कनमनी जॉय ने बिना कोचिंग के सेल्फ स्टडी कर यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। सेल्फ स्टडी करने के बावजूद भी उन्‍हें एक बार में सफलता नहीं मिली बल्कि बरसों की मेहनत, दिनरात जागने की तपस्या और हर पल संघर्ष करके एक बड़ी सफलता हासिल की है। आखिरकार साल 2011 में अपने दम पर परीक्षा में सफलता पाई और 65वीं रैंक हासिल की। 

Back to top button
close