देश - विदेश

GST काउंसिल : वित्त मंत्री की अध्यक्षता में बैठक शुरू, घट सकते हैं इन चीजों के दाम

केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 29 वीं बैठक शुरू हो गई है।बैठक में छोटे और मझाेले कारोबारियों के हितों को लेकर भी कुछ अहम फैसले हो सकते हैं । बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा होगी । अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आ सकती है ।

बैठक में हो सकते हैं अहम फैसले

आज की  बैठक में आम लोगों के दैनिक उपयोग की चीजों में जैसे बिस्किट, चावल, बर्तन, भुना चना, दलिया पर जीएसटी की दर कम करने पर भी फैसला हो सकता हैं, और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई) से इन सेक्टर को बूस्टर पैकेज मिलने की उम्मीद है । साथ ही डिजिटल ट्रांजैक्शन और ई-पेमेंट पर कैशबैक स्कीम पर भी काउंसिल में सहमति बनने के आसार हैं ।

28 फीसदी के टैक्स स्लैब को खत्म करने की तैयारी
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार धीरे-धीरे अब जीएसटी के 28 फीसदी के टैक्स स्लैब को खत्म किया जा रहा है । मौजूदा समय में जीएसटी के 28 फीसदी स्लैब में 37 प्रोडेक्ट्स ही बचे हैं। इसको भी इस स्लैब से निकाल लिया जाएगा । सीमेंट को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से बाहर निकालने पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति बन चुकी है । सूत्रों के अनुसार अब सरकार यह देख रही है कि जीएसटी टैक्स की स्थिति क्या है । अगर जीएसटी के टैक्स स्लैब को कम किया गया तो इसका टैक्स कलेक्शन पर क्या असर पड़ेगा ।

28वीं बैठक में हुए थे कई बड़े फैसले

इससे पहले जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में कई मुद्दों पर फैसले लिए गए थे. बैठक में सबसे बड़ा फैसला सैनेटरी नैपकिन को लेकर लिया गया था, 12 फीसदी के जीएसटी स्‍लैब में रखे गए सैनेटरी नैपकिन को टैक्‍स फ्री कर दिया गया, वहीं घरेलू उपयोग के 17 आइटम्‍स को 28 फीसदी जीएसटी स्‍लैब से हटा दिया गया था, इनमें वॉशिंग मशीन, फ्रिज, टीवी (सिर्फ 25 इंच तक), वीडियो गेम, वैक्‍यूम क्‍लीनर, ट्रेलर, जूस मिक्‍सर, ग्राइंडर, शावर एंड हेयर ड्रायर, वॉटर कूलर, लीथियन आयन बैट्री, इले‍क्‍ट्रॉनिक आयरन (प्रेस) जैसे आइटम्‍स शामिल हैं |

जुलाई में जीएसटी कलेक्शन बढ़ा

बता दें कि जुलाई महीने में जीएसटी कलेक्शन जून के मुकाबले बढ़ा है. हाल ही में सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये का टैक्स जीएसटी के तहत आया है, पिछले महीने यह 95,610 करोड़ रुपये रहा था, जीएसटी कलेक्शन में केंद्रीय जीएसटी की हिस्सेदारी 15,877 करोड़ है, वहीं, राज्य जीएसटी की बात करें तो यह कुल 22,293 करोड़ रुपये इस महीने रहा है| इंटीग्रेटेड जीएसटी 49,951 करोड़ रुपये रहा और सेस से सरकार को 8,362 करोड़ रुपये मिले | इसमें 794 करोड़ आयात से हासिल सेस शामिल है. इस तरह जीएसटी रेवेन्यू टारगेट एक लाख करोड़ के करीब पहुंच रहा है, वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में सरकार ने हर महीने जीएसटी कलेक्शन के 1.15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था |

Back to top button
close