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“ड्राइवर” की अंतिम यात्रा में ऐसा जन-सैलाब उमड़ा, हर कोई देखता रह गया…..IAS-IPS भी हुए शामिल

एक शख्स की ज‍िंदगी का संघर्ष ट्रक ड्राइवर के रूप में शुरू हुआ, उसके बाद समाजसेवी, उद्यमी, ठेकेदार का काम करते-करते वह गरीबों के मसीहा बन गए | इस शख्स का कारोबार देश-व‍िदेश में फैला और इसकी चौखट पर क्या आईएएस और क्या आईपीएस, क्या मंत्री और क्या मुख्यमंत्री, सभी उन्हें सलाम करने उनके घर जाते थे, बुधवार को जब इनका न‍िधन हुआ तो सड़कों पर ऐसा जन सैलाब उमड़ा क‍ि हर कोई देखता रह गया, इन्हें बाड़मेर शहर का जनक भी कहा जाने लगा |

राजस्थान में बाड़मेर जिले के तनसिंह चौहान…जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर दूर जूना गांव का एक लड़का किस तरह अपनी जिंदगी शुरुआत एक ड्राइवर के तौर पर शुरू करता है और देखते ही देखते एक बड़ा व्यापार खड़ा कर देता है | जैसे-जैसे समय बीतता है तो चौहान की नेताओं और अधिकारियों के साथ दोस्ती बढ़ जाती है, फिर तनस‍िंह गरीबों की मदद के साथ 36 वर्ग के समाजों के उत्थान का बीड़ा उठाते हैं |

इनके दरबार में हर कोई हाजि‍री लगाने आते थे लेकिन यह हमेशा राजनीति से दूर ही रहे, चौहान ने कभी भी राजनीत‍ि कार्यक्रमों में मंच साझा नहीं किया, वह हमेशा आम लोगों के साथ नीचे बैठना पसन्द करते थे | राजस्थान के जाट नेता और बीजेपी के पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी बताते हैं कि चौहान ने कई बार बाड़मेर जिले में माहौल बिगड़ा तो उसे सही करने में प्रशासन और पुलिस की बहुत मदद की, शायद इसलिए तो जब राजस्थान के आईएस और आईपीएस अफसरों  को पता चला कि चौहान की तबीयत खराब है तो महज 4 दिन में 10 से ज्यादा आईएएस और आईपीएस अधिकारी के साथ ही केंद्रीय मंत्री से लेकर राजस्थान सरकार के मंत्रियों ने हालचाल जाना |

इस शख्स की एक और खास बात थी. जो मामले कोर्ट-कचहरी में फंसे होते या जिले में हालात बिगड़ जाते तो अधिकारी से लेकर नेता इस शख्स की शरण में आते और मामले को सुलझाते थे, कांग्रेस और बीजेपी मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक इस शख्स को सलाम करते थे, राजस्थान के कद्दावर राजपूत और बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी बताते हैं कि ऐसा शख्स सैकड़ों-हजारों सालों में एक बार पैदा होता है, इस शख्स ने हमेशा गरीबों के हक की लड़ाई लड़ी, कभी भी घमंड नाम की कोई चीज अपने मन में नहीं रखी. शायद इसीलिए उनके न‍िधन पर पूरा बाड़मेर, सड़कों पर सैलाब की तरह आ गया |

तनसिंह चौहान के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ चलने वाले उनके साथी और वर्तमान में कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन बताते हैं कि यह वो शख्स है जो किसी भी विवाद को, चाहे वह जमीन-जायदाद, सामाजिक, राजनीतिक, पंचायती हो, को सुलझा कर दोनों पक्षों में राजीनामा करवा देते थे, तनस‍िंह ने 40 साल पहले जो ट्रक खरीदा था, उसी में चौहान की अंतिम यात्रा निकाली गई. देखते ही देखते बाड़मेर जिले की सड़कों पर जन सैलाब उमड़ पड़ा |

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