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5 ऐसे IAS-IPS अफसर, जिन्होंने नौकरी छोड़ शुरू किया अपना व्यवसाय, बनें आंत्रप्रेन्योर

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) देश की सबसे प्रतिष्ठित और मांगी जाने वाली सिविल सेवा है । एक IAS अधिकारी का पद अत्यधिक प्रतिष्ठित होता है और IAS अधिकारी बनना काफी लोगों के लिए एक सपना होता है, ज्यादातर युवा यूपीएससी परीक्षा पास कर सिविल सेवा में जाने का सपना देखते है और सोचते है कि ये परीक्षा पास करने के बाद जिंदगी आराम से कटेगी, लेकिन, कुछ IAS अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने कुछ अलग करने और उद्यमी (Entrepreneur) बनने के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया और अपना व्यवसाय शुरू किया । आइए जानते हैं ऐसे सिविल सेवा से जुड़े अफसरों के बारे में जिन्होंने अपने उद्यम शुरू करने के लिए अपने पद छोड़ दिए हैं |

डॉक्टर सैयद सबाहत अजीम : 2000 बैच के आईएएस अफसर डॉक्टर सैयद सबाहत अजीम त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के सचिव रह चुके है, उन्होंने साल 2010 में ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम शुरू करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दिया था | आज उनका स्टार्टअप छोटे कस्बों और गांवों में अस्पतालों की स्थापना करके गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अधिक से अधिक मदद प्रदान करना चाहता है |

राजन सिंह : तिरुवनंतपुरम का पुलिस कमीशनर रह चुके राजन सिंह ने 2005 में आईपीएस कि नौकरी छोड़ थी, राजन सिंह 1997 बैच के आईपीएस अफसर थे | राजन सिंह ने  IIT में प्रवेश लेने के लिए महंगे साइंस कोचिंग सेंटर का खर्च नहीं उठा पाने वाले छात्रों के लिए   ConcepOwl, एक वेबसाइट और एप्लिकेशन के साथ एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किया, यह छोटे शहरों के युवा छात्रों को मदद करता है |

प्रवेश शर्मा : आईपीएस कि नौकरी 34 साल तक करने के बाद आईपीएस प्रवेश शर्मा ने  2016 में रिटायरमेंट लेकर रेटल क्षेत्र में एंट्री करते हुए सब्जीवाला कि स्थापना की | प्रवेश शर्मा की कंपनी किसानो से लेकर ताजा फल सब्जियां उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचती है |  इस स्टार्टअप का उद्देश्य उपभोक्ताओं और किसानों दोनों को उचित मूल्य सुनिश्चित करना है, प्रवेश शर्मा मध्य प्रदेश सरकार में कृषि सचिव और अंतर्राष्ट्रीय विकास कोष में भारत का प्रतिनिधित्व करते थे. सरकार में उनकी अंतिम महत्वपूर्ण जिम्मेदारी छोटे किसानों के कृषि-व्यवसाय कंसोर्टियम (SFAC) के 5 सालों के प्रबंध निदेशक के रूप में थी |

रोमन सैनी : आईएएस रोमन सैनी ने सीविल सर्विसेज के पद से 2016 में इस्तीफा देकर Unacademy नाम से ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म शुरू किया, आज कई सिविल सेवा परीक्षा देने वाले  छात्रों के लिए  Unacademy भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म है |

विवेक कुलकर्णी : 1979-बैच के IAS अधिकारी विवेक कुलकर्णी ने 22 साल बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था | विवेक कुलकर्णी आईटी और जैव प्रौद्योगिकी सचिव के रूप काम करने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी संगीता कुलकर्णी के साथ Brickwork India की स्थापना की. आज, यह एक विश्व स्तर पर प्रसिद्ध ज्ञान प्रक्रिया आउटसोर्सिंग फर्म है जो वैश्विक कंपनियों को सहायक प्रदान करती है |

 

 

 

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