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हैंडपंप और ट्यूबवेल खोदते-खोदते बन गया अरबपत‍ि….म‍िली इतनी संपत्त‍ि की छापा मारने वाले टीम भी हैरान…PHE के रिटायर्ड अफसर से EOW कर रही पूछताछ

ईओडब्ल्यू की टीम ने जबलपुर के एक र‍िटायर्ड लोक यांत्र‍िकी व‍िभाग के अफसर के यहां छापा मारा है, छापा के दौरान रिटायर्ड अधिकारी के यहां ईओडब्ल्यू को करोड़ों की संपति मिली है, ईओडब्ल्यू की 70 लोगों की टीम ने मंगलवार को जबलपुर में उपाध्याय के चार ठिकानों पर एक साथ छापे मारे. इसमें 200 एकड़ जमीन, 150 भूखंड, दो किलो सोना, पांच किलो चांदी, ढाई लाख रुपये नकद और कई कंपनियों में निवेश का पता चला है |

बता दें कि कल मंगलवार को मध्य प्रदेश जबलपुर के एक र‍िटायर्ड लोक यांत्र‍िकी व‍िभाग के एसडीओ सुरेश उपाध्याय के यहां छापा मारा, कार्रवाई के दौरान करीब 400 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का पता चला है. ईओडब्ल्यू की 70 लोगों की टीम ने मंगलवार को जबलपुर में उपाध्याय के चार ठिकानों पर एक साथ छापे मारे. इसमें 200 एकड़ जमीन, 150 भूखंड, दो किलो सोना, पांच किलो चांदी, ढाई लाख रुपये नकद और कई कंपनियों में निवेश का पता चला है |

मीड‍िया र‍िपोर्टस के अनुसार, छापे के दौरान आय से अधिक संपत्ति का खुलासा होने के बाद जो दस्तावेज जब्त किए गए हैं उनकी जांच व बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच टीम संभवत: बैंक खातों को भी खंगाल रही है.

सुरेश उपाध्याय सब इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर और बढ़ते-बढ़ते एसडीओ से रिटायर हुआ. पीएचई के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में पूरी नौकरी निकल गई. जबलपुर जिले में ही पदस्थापना रही. एक स्व. पूर्व विधायक के बेहद नजदीकी होने का फायदा लिया.

शुरू में ड्रिलिंग मशीन चलाने और ट्यूबवेल खोदने का काम किया. 1990 के बाद पीएचई में ड्रिलिंग की बड़ी मशीनें आईं और इसके बाद ही कमाई के रास्ते खुले. यह सिलसिला 2005 तक चलता रहा और तब तक हर जिले में 2000 तक ट्यूबवेल व हैंडपंप खोदे गए.

100 से 200 फीट की खुदाई को 300 से 400 फीट का बताकर भुगतान उठाया गया. इसी में जमकर कमीशन का खेल हुआ. कई बार तो बिना खोदे ही बिल बनवाकर करोड़ों कमाए |

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