द बाबूस न्यूज़द ब्यूरोक्रेट्सबाबूस ऑफ़ छत्तीसगढ़
Trending

सप्ताह में छह दिन नक्सलियों से मुकाबला और एक दिन टीचर…मिलिए छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस अधिकारी से

Advertisement
Join WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

आईपीएस अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट पद पर हैं और नक्सल ऑपरेशन की कमान संभाल रही हैं। बस्तर में नक्सल ऑपरेशन की कमान संभालने वाली वे पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं। उनके पिता राकेश शर्मा व्यापारी हैं और मां सविता शर्मा गृहिणी हैं। अंकिता तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं।

Advertisement

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली अंकिता ने शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से की है। ग्रेजुएशन करने के बाद अंकिता ने एमबीए किया और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं। वे दिल्ली में छह महीने ही रहीं और सेल्फ स्टडी कर आईपीएस अधिकारी बनने में सफल रहीं।

तीसरे प्रयास में बनी आईपीएस

अंकिता को पहले दो प्रयासों में यूपीएससी परीक्षा में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वे जो लक्ष्य तय करती हैं, उसे हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती। उन्हें साल 2018 में तीसरे प्रयास में सफलता मिली और 203वीं रैंक हासिल हुई। वे होम कैडर पाने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस हैं।

पति सेना में, तैयारी के दौरान हो गई शादी

अंकिता शर्मा की शादी आईपीएस अधिकारी बनने से पहले ही हो गई थी। उनके भारतीय सेना में मेजर हैं और वर्तमान में मुंबई में तैनात हैं। अंकिता को घुड़सवारी और बैडमिंटन खेलने का शौक है। इंस्टाग्राम पर अक्सर वह घुड़सवाड़ी की फोटो शेयर करती हैं।

संभाली परेड की कमान

साल 2020 में गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस परेड ग्राउंड में अंकिता शर्मा ने परेड का नेतृत्व किया था। वह गणतंत्र दिवस परेड की कमान संभालने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला पुलिस अधकारी भी हैं।

ब्रेकिंग : राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों की CM से मुलाकात…डायरेक्टर के 20 और कलेक्टर के 5 पद मांगे.......ग्रेड पे, समयमान वेतनमान, प्रोबेशन पीरियड, लंबित डीपीसी सहित कई मुद्दों पर चर्चा....
READ

बचपन से बनना चाहती थी आईपीएस

अंकिता शर्मा बचपन से ही आईपीएस बनना चाहती थीं, लेकिन उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। आईपीएस बनने के लिए तैयारी कैसे की जाए, यह बताने वाला कोई नहीं था। इस कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन वे अपने लक्ष्य से नहीं डिगी और उसे हासिल करके ही मानी।

अधिकारी के साथ टीचर भी

खुद की परेशनियों से सीख लेकर अंकिता उन युवाओं की मदद करती हैं जो जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं। पूरे सप्ताह पुलिस की ड्यूटी निभाने के बाद वे रविवार को एक टीचर बन जाती हैं। वे अपने ऑफिस में करीब 20-25 युवाओं को पढ़ाती हैं, जो लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

रवीना टंडन ने बताया असली हीरोइन

कुछ दिन पहले एक सोशल मीडिया यूजर ने अंकिता शर्मा की फोटोज शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘बस्तर में पहली बार नक्सल ऑपरेशन की कमान महिला आईपीएस के हाथों में है।’ इस ट्वीट को रवीना टंडन ने रीट्वीट करते हुए उनकी तारीफ की थी। इसके लिए अंकिता शर्मा ने उन्हें धन्यवाद कहा था।

Advertisement
Back to top button