शैलेश ने मंत्री अमर पर फिर साधा निशाना!…बोले -मंत्री जी आपकी “विकास की चिड़िया” उड़ गई, अब आप भी शानदार विदाई के लिए तैयार रहिए
कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पांडेय एकबार फिर आक्रमकता से मंत्री अमर अग्रवाल पर हमला बोलते दिखाई दे रहे हैं | शैलेश ने मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि बारिश की वजह से विकास के दावों की पोल खुल गई हैं । बिलासपुर में विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन एक दिन की बारिश में पूरा शहर पानी में डूब गया । बड़ी बात यह है कि खुद नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल बिलासपुर के रहने वाले हैं । इतना ही नहीं मंत्री करोड़ों रुपये के आंकड़ा दिखाकर मंत्री विकास का ढोल भी पीटते रहते हैं | अब जनता पूछ रही है कि जो मंत्री अपना शहर नहीं संभाल पा रहा वो सूबे को क्या संभालेगा ।
शैलेश ने कहा कि हर साल शहर के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए करोड़ों रुपए नाला-नाली के निर्माण फूंका जाता है | शहर विकास का मॉडल दिखाकर नगर निगम ने हर जोन के लिए 25-25 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला गया, पुराने नाला नालियों को तोड़कर नया बनाने का सिर्फ मात्रा ढोंग किया गया है, इससे ना तो शहरवासियों की ड्रेनेज की समस्या हल हुई, ना शहर का विकास हुआ । हां बल्कि शहर विकास की ढोल पीटने वालों का जरूर विकास होते दिखाई दे रहा है |
इतने सालों में करोड़ों रुपये फूंकने के बाद भी पुराना बस स्टैंड की जलभराव की समम्स्या का समाधान नहीं कराया जा सका है, इस क्षेत्र के व्यापारी भाइयों के लिए आये दिन जलभराव मुसीबत बन गई है |
शहर विकास का खोखला मॉडल एक बार फिर बारिश होते ही जनता के सामने आ गया है । इशारे में चल रहे विकास कार्य के नाम पर जनता के पैसों का जमकर दुरुपयोग हो रहा है । पहले महाराणा प्रताप चौक से लेकर राजीव गांधी चौक तक डामरीकरण कराया गया, अब दो महीने बाद फिर से खोदकर फ्लाईओवर का काम शुरू कर दिया गया, जब खुदाई करवाना ही था, तो करोड़ों रुपये ख़र्च करके डामरीकरण ही क्यों कराया गया । वैसे भी वह रोड पहले से ही ठीक था । रायपुर के स्काई वाक के निर्माण में सड़कों की ट्रैफिक को डिस्टर्ब किये बिना ही दर्जनों पिल्हर खड़ा कर दिया गया, लेकिन यहाँ तो 18 महीने के काम में 11 माह बीत गया, ठीक से चार पिल्हर तक खड़ा नहीं किया जा सका है | इससे सिर्फ शहर की जनता परेशान हो रही है |
इसी तरह से श्रीकांत वर्मा मार्ग को महीनों बाधित करके कलवर्ट बनवाया गया, टेलीफोन एक्सचेंज रोड में नाली का निर्माण कराया गया, लेकिन नतीजा कुछ भी सामने नही आया । जनता के करोड़ों रुपये को विकास के नाम पर सिर्फ बर्बाद किया जा रहा है । विकास के आड़ में जमकर कमीशनखोरी का खेल खेला जा रहा है ।
शहर के कई गली मोहल्लों में ड्रेनेज सिस्टम पहले बेहतर काम कर रहा था, लेकिन जनता को परेशान करके कई महीनों तक उनके घरों के सामने खुदाई कराकर नाली का निर्माण कराया कराया गया, ना तो गुणवत्ता में ध्यान दिया गया, ना ही इंजीनियरिंग में । अब अहले से ज्यादा पानी का भराव हो रहा है |