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बृजभूषण शरण सिंह को जमानत : यौन उत्पीड़न केस में बड़ी राहत, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी जमानत

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दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के मामले में बड़ी राहत दी है। गुरुवार को कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत दी है।

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जमानत याचिका का विरोध मामले में दिल्ली पुलिस का रुख असमंज दिखा। कोर्ट में दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि वह जमानत याचिका का न तो विरोध कर रहे हैं और न ही इसका समर्थन कर रहे हैं; उनका सिर्फ कहना है कि कानून के तहत इस पर कार्रवाई की जाएगी।

18 जुलाई, मंगलवार को बृजभूषण शरण सिंह को पहलवानों के यौन शोषण के मामले में राहत मिली थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण और उनके सह आरोपित विनोद तोमर को मामले में दो दिन की अंतरिम जमानत दी थी। भारी पुलिस सुरक्षा के बीच बृजभूषण कोर्ट में पेश हुए।

एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा कि मामले की अगली सुनवाई के दौरान बहस के बाद निर्णय लिया जाएगा। कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लेकर उन्हें सात जुलाई को पेश होने का समन दिया था।

वृजभूषण के वकील ने कोर्ट को बताया कि यह बिना गिरफ्तारी का आरोपपत्र है। इस पर जमानत की मांग की गई है। दिल्ली पुलिस का लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव उपस्थित हुआ। कोर्ट ने पूछा कि आपकी जमानत की वजह क्या है? दिल्ली पुलिस ने कहा कि बृजभूषण को पकड़ नहीं लिया है।

वृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा कि पुलिस ने मामले में जो भी धाराएं लगाई हैं, उनमें किसी में भी पांच साल से अधिक सजा का प्रावधान नहीं है। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वह बाहर जाकर गवाहों को बदल सकता है। बृजभूषण सहित दोनों आरोपितों को कोर्ट ने 20 जुलाई तक 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी थी।

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बृजभूषण के वकील ने कहा कि सभी पक्षकारों को अब आरोपपत्र की प्रतियां दी जाएंगी, लेकिन मामले में मीडिया को अलग से जांच नहीं करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर वे चाहते हैं कि इन कैमरा मामले में कार्यवाही करें तो वह हाईकोर्ट में अर्जी दे सकते हैं। वृजभूषण के अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस का आरोपपत्र झूठ है। उन्हें फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

 

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